________________
बीअं अज्झयणं (किरियाठाणे)
३६७ मुत्तिमग्गे णिव्वाणमग्गे णिज्जाणमग्गे सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे एगंतसम्म साहू। दोच्चस्स ठाणस्स धम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिए।
मीसग-पक्ख-पदं ७१. अहावरे तच्चस्स ठाणस्स मीसगस्स विभंगे एवमाहिज्जइ-इह खलु पाईणं वा
पडीणं वा उदोणं वा दाहिणं वा संतेगइया मणुस्सा भवंति, तं जहा-अप्पिच्छा अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया धम्मिट्ठा धम्मक्खाई धम्मप्पलोई धम्मपलज्जणा धम्मसमुदायारा' धम्मेणं चेव वित्ति कप्पेमाणा विहरंति, सुसीला सुव्वया सुप्पडियाणंदा सुसाहू, एगच्चाओ पाणाइवायाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया'। 'एगच्चाओ मुसावायाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ अदिण्णादाणाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ मेहुणाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ परिग्गहाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोहाओ पेज्जाओ दोसाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णाओ परपरिवायाओ अरइरईओ मायामोसाओ मिच्छादसणसल्लाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ पहाणुम्मद्दणवण्णग-विलेवण-सद्द-फरिस-रस-रूव-गंध-मल्लालंकाराओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ सगड-रह-जाण-जुग्ग-गिल्लिथिल्लि-सिय-संदमाणिया-सयणासण-जाण-वाहण-भोग-भोयण - पवित्थरविहीओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ कय-विक्कयमासद्धमास-रूवग-सववहाराओ पांडविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया । एगच्चाओ हिरण्ण-सुवण्ण-धण-धण्ण-मणि-मोत्तिय-संख-सिलप्पवालाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ कूडतुल-कूडमाणाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ आरंभ-समारंभाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ करण-कारावणाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया । एगच्चाओ पयण-पयावणाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया। एगच्चाओ कुट्टण-पिट्टण-तज्जण-ताडण-वह-बंधपरिकिलेसाओ पडिविरया जावज्जीवाए, एगच्चाओ अप्पडिविरया । जे यावण्णे तहप्पगारा सावज्जा अबोहिया कम्मंता परपाणपरितावणकरा
१. सं० पा०-धम्माणुया जाव धम्मेणं ।
२. सं० पा०--अप्पडिविरया जाव जे यावण्णे।
Jain Education International
international
For Private & Personal Use Only
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org