________________ سه سه 326 الله الله الله الله 336 338 338 341 343 344 345 346 सूक्ष्मक्षेत्रपल्योपम-सागरोपम सूक्ष्मक्षेत्रपल्योपम-सागरोपम का प्रयोजन अजीवद्रव्यों का वर्णन जीवद्रव्यप्ररूपणा शरीरनिरूपण चौवीस दंडकवर्ती जीवों की शरीरप्ररूपणा पंचशरीरों का संख्यापरिमाण बद्धमुक्त क्रियशरीरों की संख्या बद्धमुक्त आहारक शरीरों का परिमाण बद्धमुक्त तेजसशरीरों का परिमाण बद्धमुक्त कार्मणशरीरों की संख्या नारकों में बद्धमुक्त पंचशरीरों की प्ररूपणा भवनवासियों के बद्ध-मुक्त शरीर पृथ्वी-अप-तेजस्कायिक जीवों के बद्ध-मुक्त शरीर वायुकायिकों के बद्ध-मुक्त शरीर वनस्पतिकायिकों के बद्ध-मुक्त शरीर विकलत्रिकों के बद्ध-मुक्त शरीर पंचेन्द्रिय तियंचयोनिकों के बद्ध-मुक्त शरीर मनुष्यों के बद-मुक्त पंचशरीर बाणव्यंतर देवों के बन-मुक्त शरीर ज्योतिष्कदेवों के बद्धमुक्त पंच शरीर ज्योतिष्क देवों के बद्ध-मूक्त शरीर एवं कालप्रमाण का उपसंहार भावप्रमाण गुणप्रमाण अजीवगुणप्रमाणनिरूपण जीवगुणप्रमाणनिरूपण प्रत्यक्षप्रमाणनिरूपण मनुमानप्रमाणनिरूपण पूर्ववत् अनुमाननिरूपण शेषवत्-अनुमाननिरूपण दृष्टसाधयंवत्-अनुमान प्रतिकूल विशेषदृष्ट-साधर्म्यवत्-अनुमान के उदाहरण उपमानप्रमाण साधोपनीत उपमान वैधोपनीत उपमान मागमप्रमाणनिरूपण 349 353 354 357 358 358 360 361 366 369 372 372 374 [17] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org