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________________ आन पूर्वी निरूपण] [65 अवत्तव्वयाइं 6 / अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गले य आणुपुश्वी य अणाणुपुम्वी य 1 अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गला य आणुपुब्बी य अणाणु पुवीओ य 2 अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गले य आणपुग्वीओ य अणाणुपुवी य 3 अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गला य आणुपुग्वीओ य अणाणुपुवीओ य 4, अहवा तिपदेसिए य दुपदेसिए य आणुपुज्वी य अवत्तव्वए य 1 अहवा तिपदेसिए य दुपदेसिया य आणुपुम्वी य अवत्तम्वयाई च 2 अहवा तिपदेसिया य दुपदेसिए य आणु पुथ्वीओ य अवत्तव्वए य 3 अहवा तिपदेसिया य दुपदेसिया य आणुपुवीओ य अवत्तम्वयाई च 4, अहवा परमाणुपोग्गले य दुपदेसिए य अणाणुपुची य अवत्तवए य 1 अहवा परमाणुपोग्गले य दुपदेसिया य अणाणुपुवी य अवत्तब्धयाइं च 2 अहवा परमाणुपोग्गला य दुपदेसिए य अणाणुपुष्वीओ य अवत्तव्वए य 3 अहवा परमाणुपोग्गला य दुपदेसिया य अणाणुपुब्बीओ य अवतव्वयाइं च 4 / अहवा तिपदेसिए य परमाणु पोग्गले य दुपदेसिए य आणुपुम्वी य अणाणुपुची य अवत्तध्वए य 1 अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिया य आणु पुष्वी य अणाणुपुरको य अवत्तव्वयाइं च 2 अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गला य दुपदेसिए य आणुपुन्वी य अणाणुपुश्वीओ य अवत्तवए य 3 अहवा तिपए सिए य परमाणुपोग्गला य दुपदेसिया य आणुपुर्वी य अणाणुपुत्वीयो य अवत्तन्वयाई च ट्रक अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिए य आणुपुवीओ य अणाणुपुन्वी य अवत्तवए य 5 अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिया य आणुपुथ्वीओ य अणाणुपुथ्वी य अवत्तवियाई च 6 अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गला य दुपदेसिए य आणुपुथ्वीओ य अणाणुपुथ्वीओ य अवत्तब्बए य 7 अह्वा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गला य दुपदेसिया य आणुपुठवीओ य अणाणुपुब्बीओ य अवत्तव्बयाई च 8 / से तं नेगम-चवहाराणं भंगोवदसणया। [103 प्र.] भगवन् ! नैगम-व्यवहारनयसंमत भंगोपदर्शनता का क्या स्वरूप है ? [103 उ.] अायुष्मन् ! नैगम-व्यवहारनयसंमत भंगोपदर्शनता का स्वरूप इस प्रकार है-- 1. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध अानुपूर्वी है, 2. परमाणुपुद्गल अनानुपूर्वी है, 3 द्विप्रदेशिक स्कन्ध प्रवक्तव्य है, 4. त्रिप्रदेशिक अनेक स्कन्ध प्रानुवियाँ हैं, 5. अनेक परमाणु पुद्गल अनानुपूवियाँ हैं, 6. अनेक द्विप्रदेशिक स्कन्ध प्रवक्तव्यक हैं। (इस प्रकार से असयोगी छह भगों का अर्थ जानना चाहिये।) अथवा 1. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और परमाणुपुद्गल प्रानुपूर्वी और अनानुपूर्वी रूप है, 2. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और अनेक परमाणुपुद्गल प्रानुपूर्वी और अनानुपूवियों का वाच्यार्थ है, 3. अनेक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और परमाणुपुद्गल प्रानुपूर्वियां और अनानुपूर्वी है, 4 अनेक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और अनेक परमाणुयुद्गल प्रानुपूर्वियों और अनानुपूवियों का रूप हैं / अथवा--- 1. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और द्विप्रदेशिक स्कन्ध प्रानुपूर्वी-प्रवक्तव्य रूप है, 2. विप्रदेशिक स्कन्ध और अनेक द्विप्रदेशिक स्कन्ध पानुपूर्वी प्रवक्तव्यक रूप हैं, 3. अनेक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और द्विप्रदेशिक स्कन्ध अानुपूर्वियाँ और प्रवक्तव्य रूप हैं, 4. अनेक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और अनेक द्विप्रदेशिक स्कन्ध मानुपूर्वियों और अवक्तव्यको रूप हैं / अथवा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003500
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1987
Total Pages553
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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