________________ परिशिष्ट 2: गाथानुक्रमणिका [705 अणतकाल 264 Owar 0 AM MG WWom अस्थि एगो अस्थि एग अत्थं च धम्मच अत्थं तम्मि असणं चेव अधुवे असासयंमि प्रद्धाणं जो 36 116 अब्भुटाणं च नव 36 125 अब्भुट्टियं रायरिसिं / 36 135 अभप्रो पत्थिवा! 36 144 अभिक्खणं कोही भवइ 36 154 अभिवायणमब्भुटाणं 36 166 अभू जिणा 178 अायकक्करभोई 36 187 अम्मताय 36 194 प्रयसी पुप्फ 36 248 अयं साहसियो 36 246 अरइ रइ अरइ-गंडे 23 81 अरई पिट्टयो 12 33 अरूविणो 18 16 अलोए पडिया 32 15 अलोलुयं अलोले न अवउभिऊण अवउझियं अवसेसं भंडग 23 अवसो लोहरहे 20 26 अवसोहिय 2012 अवहेडिय 35 अवि पावपरिक्खेवी 63 असइंतु असमाणे चरे अस्सकण्णीय प्रसासए असासयं अस्सा हत्थी असिष्पजीवी 5 असीहि अयसि 33 असुरा नागसुवण्णा असंखकाल wwwma wr or 4.08 WWW Ko c 99.59 orr Nu 1 0 36 100 0 अन्नियो रायसहस्सेहि अन्तेण विसेसेणं अन्नं पाणंच अप्पणा वि अनाहो अप्पपाणे अप्पसत्थेहि अप्पा कत्ता अप्पा चेव अप्पाणमेव अप्पा नई वेयरणी अप्पिया देवकामाणं अप्पं च अहिक्खिवइ अष्फोवमंडवंमि अबले जह भारवाहए अब्भाहयम्मि अब्भुटाणं अंजलि अब्भुट्ठाणं गुरूपूया 0 0 mmx 206 ه ه ه 86 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org