________________ पंचम अध्ययन : पिण्डषणा] [185 161. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण प्रकप्पियं / देतियं पडिआइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं // 79 // 162. असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा। __अगणिम्मि होज्ज निविखत्तं तं च ओसक्किया दए // 8 // 163. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण अकप्पियं / वेंतियं पडिआइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं // 81 // 164. असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा / अगणिम्मि होज्ज निक्खित्तं तं च उज्जालिया दए // 2 // 165. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण अकप्पियं / देतियं पडिआइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं // 83 // 166. असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा। अगणिम्मि होज्ज निक्खित्तं तं च पज्जालिया दए // 84 // 167. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण अकप्पियं / देतियं पडिमाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं // 45 // 168. असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा। अगणिम्मि होज्ज निक्खित्तं तं च x निव्वाविया दए / / 86 / / 169. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण अकप्पियं / बेतियं पडिप्राइवखे, न मे कप्पइ तारिसं 187 / / 170. असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा। अगणिम्मि होज्ज निविखत्तं, तं च उस्सिचिया दए // 8 // 171. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण अकप्पियं / दंतियं पडिआइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं // 89 // 172. असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा। अगणिम्मि होज्ज निक्खित्तं तं च निस्सिचिया+दए // 10 // 173. तं भवे भत्तपाणं तु संजयाण अकप्पियं / देतियं पडिप्राइक्खे, न मे कप्पड तारिसं // 11 // पाठान्तर x विज्झाविया / + उक्कढिया / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org