________________ तृतीय अध्ययन : क्षुल्लिकाचार-कथा] * नीचे हम अनाचारों को सुगमता से समझने के लिए कारण निर्देशपूर्वक एक तालिका क्रम नाम अनाचार का कारण 1. प्रौद्देशिक माधु के निमित्त बना पाहार आदि लेना जीववध 2. क्रीतकृत माधु के निमित्त खरीदा हग्रा आहार लेना अधिकरण 3. नित्याग्र निमंत्रित होकर नित्य आहार लेना भोजन-समारम्भ मुनि के लिए 4. अभिहत मामने लाया हुया आहार लेना पटजीवनिकाय का वध 5. रात्रिभोजन जीववध 6. स्नान विभूषा एवं उत्प्लावन - 7. गन्धविलेपन मुगन्धित पदार्थों का लेप करना विभूषा तथा प्रारम्भ 2. माल्यधारण माला प्रादि धारण करना पुष्पादि के जीवों की हिंसा 9. बीजन पंखे यादि से हवा लेना वायुकायिक संपातिम जीववध 10. मन्निधि खाद्य-पेय ग्रादि वस्तुयों को संचित करके रखना चींटी आदि जीवों की हानि 11. गृहि-अमत्र गहस्थ के बर्तन में भोजन करना अप्कायिक जीववध, गुम हो जाने पर आपत्ति 12. गजपिण्ड अभिषिक्त राजा के लिये बना आहार लेना। भीड़ के कारण विराधना तथा गरिष्ठ भोजन से एषणा-घात 13. किमिच्छक निमित्त दोष क्या चाहिये ? पूछ कर दिया हुआ आहारादि लेना 14. संबाधन शरीरमर्दन, पगचंपी ग्रादि कराना सुत्र और अर्थ की हानि 15. दंतप्रधावन दांतों को धोना विभूषा 11. (क) दशवै. (प्राचार्य प्रात्माराजी म.) पृ. 34 से 52 तक (ख) अगस्त्य. चूणि, पृ. 62-63 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org