________________ सत्ताईस अनगारगुण अट्ठाईस प्राचारप्रकल्प उनतीस पापश्रुतप्रसंग तीस महामोहनीयस्थान इकतीस सिद्धगुण बत्तीस योगसंग्रह तेतीस पाशातना प्रतिज्ञासत्र (निर्ग्रन्थ-प्रवचन का पाठ) बड़ी संलेखना का पाठ पांच पदों की बन्दना दर्शनसम्यकत्व का पाठ गुरु-गुणस्मरणसूत्र क्षामणासूत्र चौरासी लाख जीवयोनि का पाठ कलकोडी खमाने का पाठ प्रणिपात्रसूत्र द्रतों की उपयोगिता बारह व्रतों के अतिचारों का प्रतिक्रमण 1. अहिंसाणुव्रत के अतिचार 2. मृषावाद विरमण व्रत के अतिचार 3. अदत्तादान बिहमणाणवत के अतिचार 4. ब्रह्मचर्याणुव्रत के अतिचार 5. परिग्रहपरिमाण व्रत के अतिचार 6. दिग्बत के अतिचार 7. उपभोग-परिभोगपरिमाण व्रत के अतिचार 8. अनर्थदण्डविरमण व्रत के अतिचार 9. सामायिक व्रत के अतिचार 10. देशावकाशिक व्रत के अतिचार 11. पौषध व्रत के अतिचार 12. अतिथिसंविभाग व्रत के अतिचार 0 0 0 0 0 0 0 0 x or u09 Mmm Ur 100 6 . . . नीmxxx 00 पंचम अध्ययन: कायोत्सर्ग कायोत्सर्ग का स्पष्टीकरण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org