________________ प्रतिमाधारी के कल्पनीय संस्तारक प्रतिमाधारी को स्त्री-पुरुष का उपसर्ग प्रतिमाधारी को अग्नि का उपसर्ग प्रतिमाधारी को ठठा आदि निकालने का निषेध प्रतिभाधारी को प्राणी आदि निकालने का निषेध सूर्यास्त होने पर बिहार का निषेध सचित्त पृथ्वी के निकट निद्रा लेने का निषेध मलावरोध का निषेध सचित्त रजयुक्त शरीर से गोचरी जाने का निषेध हस्तादि धोने का निषेध दुष्ट अश्वादि का उपद्रव होने पर भयभीत होने का निषेध सर्दी और गर्मी सहन करने का विधान भिक्षुप्रतिमाओं का सम्यग् आराधन द्विमासिकी भिक्षप्रतिमा त्रैमासिकी भिक्षप्रतिमा चातुर्मासिकी भिक्षुप्रतिभा पंचमासिकी भिक्षुप्रतिमा षाण्मासिकी भिक्षुप्रतिमा सप्तमासिकी भिक्षुप्रतिमा प्रथम सप्त-अहोरात्रिकी भिक्षुप्रतिमा द्वितीय सप्त-अहोरात्रिकी भिक्षुप्रतिमा तृतीय सप्त-अहोरात्रिकी भिक्षुप्रतिमा अहोरात्रिकी भिक्षुप्रतिमा एकरात्रिकी भिक्षुप्रतिमा पाठवीं दशा पर्युषणाकल्प नवमी दशा महामोहनीय कर्म-बन्ध के तीस स्थान 4 " दसवों दशा भगवान् महावीर का राजगृह में प्रागमन श्रेणिक का दर्शनार्थ ममन साधु-साध्वियों का निदान-संकल्प निर्ग्रन्थ का मनुष्य सम्बन्धी भोगों के लिये निदान करना निर्ग्रन्थी का मनुष्य सम्बन्धी भोगों के लिये निदान करना , " [ 74 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org