________________ साहतां उद्देशक कौतुहलजनित प्रवृत्तियों का प्रायश्चित्त 1. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए अण्णयरं तसपाणजायं 1. तण-पासएण वा, 2. मंजु-पासएण वा, 3. कट्ट-पासएण वा, 4. चम्म-पासएण वा, 5. वेत्तपासएण वा, 6. रज्जु-पासएण वा, 7. सुत्त-पासएण वा बंधइ, बंधतं वा साइज्जइ / 2. जे भिक्ख कोउहल्ल-वडियाए अण्णयरं तसपाणजाये तण-पासएण वा जाव सुत्तपासएण वा बद्धलयं मुचइ, मुंचतं वा साइज्जइ / 3. जे भिक्खू कोउहल्ल वडियाए-- 1. तणमालियं वा, 2. मुजमालियं वा, 3. वेत्तमालियं वा, 4. कट्ठमालियं वा, 5. मयणमालियं वा, 6. भिडमालियं बा, 7. पिच्छमालियं वा, 8. हडमालियं वा, 9. दंतमालियं वा, 10. संखमालियं वा, 11. सिंगमालियं बा, 12. पत्तमालियं वा, 13. पुष्फमालियं वा, 14. फलमालियं वा, 15. बीयमालियं वा, 16. हरियमालियं वा करेइ, करेंतं वा साइज्जइ। 4. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा धरेइ, धरतं वा साइज्ज। 5. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए तण-मालियं वा जाव हरियमालियं वा पिणद्धेइ, पिणद्धेतं या साइज्ज। 6. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए 1. अयलोहाणि वा, 2. तंबलोहाणि वा, 3. तउयलोहाणि वा, 4. सीसलोहाणि वा, 5. रूप्पलोहाणि वा, 6. सुवण्णलोहाणि वा करेइ, करेंतं वा साइज्जइ। 7. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए अय-लोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा धरेइ, धरेत वा साइज्ज। 8. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए अय-लोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा पिणद्धेइ, पिणखेंतं वा साइज्जइ। 9. जे भिक्खू कोउहल्ल-वडियाए--१. हाराणि वा, 2. अद्धहाराणि वा, 3. एगावलि वा, 4. मुत्तालि वा, 5. कणगावलि वा, 6. रयणावलि वा, 7. कडगाणि वा, 8. तुडियाणि वा, 9. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org