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[176] / Prajñāpanā Sūtra 1013. Bhagavan! In these śrotrendriya, cakṣurindriya, ghṛāṇendriya, jihvendriya and sparśendriya, which is the least, the most, the equal or the special in terms of jaghanya upayogaddhā, utkrṣṭa upayogaddhā and jaghanyotkrṣṭa upayogaddhā? [1013 U.] Gautama! The jaghanya upayogaddhā (period of use) of cakṣurindriya is the least, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of śrotrendriya is special, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of ghṛāṇendriya is special, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of jihvendriya is special, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of sparśendriya is special. In utkrṣṭa upayogaddhā, the utkrṣṭa upayogaddhā of cakṣurindriya is the least, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of śrotrendriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of ghṛāṇendriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of jihvendriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of sparśendriya is special. In jaghanyotkrṣṭa upayogaddhā, the jaghanya upayogaddhā of cakṣurindriya is the least, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of śrotrendriya is special, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of ghṛāṇendriya is special, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of jihvendriya is special, (in comparison to it) the jaghanya upayogaddhā of sparśendriya is special, (in comparison to the jaghanya upayogaddhā of sparśendriya) the utkrṣṭa upayogaddhā of cakṣurindriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of śrotrendriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of ghṛāṇendriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of jihvendriya is special, (in comparison to it) the utkrṣṭa upayogaddhā of sparśendriya is special. // 6 //
________________ 176] / प्रज्ञापनासूत्र 1013. एतेसि गं भंते ! सोइंदिय-क्खिदिय-घाणिदिय-जिभिदिय-फासिदियाणं जहण्णियाए उवभोगद्धाए उक्कोसियाए उवयोगद्धाए जहण्णुक्कोसियाए उवनोगद्धाए कतरे कतरेहितो अप्पा वा 4? गोयमा ! सव्वत्थोवा चक्खिदियस्स जहणिया उवयोगद्धा, सोइंदियस्स जहणिया उवयोगद्धा विसेसाहिया, धाणिदियस्स जहणिया उवयोगद्धा विसेसाहिया, जिभिदियस्स जहणिया उवयोगद्धा विसेसाहिया, फासें दियस्स जहणिया उधोगद्धा विसेसाहिया। उक्कोसियाए उवयोगद्धाए सव्वत्थोवा चक्खिदियस्स उक्कोसिया उवयोगद्धा, सोइंदियस्स उक्कोसिया उवप्रोगद्धा विसेसाहिया, घाणिदियस्स उक्कोसिया उवप्रोगद्धा विसेसाहिया, जिभिदियस्स उक्कोसिया उवमोगद्धा विसेसाहिया, फासेंदियस्स उक्कोसिया उबोगद्धा विसेसाहिया। जहण्णक्कोसियाए उवयोगद्धाए सव्वत्योवा चविखदियस्स जहणिया उवयोगद्धा, सोइंदियस्स जहणिया उबोगद्धा विसेसाहिया, घाणिदियस्स जहणिया उवयोगद्धा विसेसाहिया, जिभिदियस्स जहणिया उवमोगद्धा विसेसाहिया, फासेंदियस्स जहणिया उवोगद्धा विसेसाहिया, फार्सेदियस्स जहणियाहितो उवमोगद्धाहितो चविखदियस्स उक्कोसिया उबोगद्धा विसेसाहिया, सोइंदियस्स उक्कोसिया उवनोगद्धा विसेसाहिया, घाणिदियस्स उक्कोसिया उवयोगद्धा विसेसाहिया, जिभिदियस्स उक्कोसिया उवयोगद्धा विसेसाहिया, फासेंदियस्स उक्कोसिया उवयोगद्धा विसेसाहिया / 6 // [1013 प्र.] भगवन् ! इन श्रोत्रेन्द्रिय, चक्षुरिन्द्रिय, घ्राणेन्द्रिय, जिहन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय के जघन्य उपयोगाद्धा, उत्कृष्ट उपयोगाद्धा और जघन्योत्कृष्ट उपयोगाद्धा में कौन, किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? [1013 उ.] गौतम ! चक्षुरिन्द्रय का जघन्य उपयोगाद्धा (उपयोगकाल) सबसे कम है, (उसकी अपेक्षा) श्रोत्रेन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा) घ्राणेन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उससे) जिह्वन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उस की अपेक्षा) स्पर्शेन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है। उत्कृष्ट उपयोगाद्धा में चक्षुरिन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा सबसे कम है, (उसकी अपेक्षा) श्रोत्रेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषा. धिक है, (उससे) घ्राणेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उससे) जिह्वेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा) स्पर्शेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक ट उपयोगाद्धा की अपेक्षा से सबसे कम चक्षरिन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा है, (उसकी अपेक्षा) श्रोत्रेन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा) घ्राणेन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा) जिह्वन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है. (उसकी अपेक्षा, स्पर्शेन्द्रिय का जघन्य उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, स्पर्शेन्द्रिय के जघन्य उपयोगरद्धा से चक्षुरिन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा)श्रोत्रेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा) घ्राणेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसको अपेक्षा) जिह्वन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है, (उसकी अपेक्षा) स्पर्शेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धा विशेषाधिक है // 6 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org