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## [202] [Prajñāpanā Sūtra [214-2] With respect to directions, the fewest Apkāyika beings are in the West, more than them are in the East, more than them are in the South, and more than them are in the North. [3] With respect to directions, the fewest Tejaskaika beings are in the South and North, more than them are in the East, and more than them are in the West. [214-3] With respect to directions, the fewest Vāyukāyika beings are in the East, more than them are in the West, more than them are in the North, and more than them are in the South. [4] With respect to directions, the fewest Vanaspatika beings are in the West, more than them are in the East, more than them are in the South, and more than them are in the North. [214-4] With respect to directions, the fewest Dwīndriya beings are in the West, more than them are in the East, more than them are in the South, and more than them are in the North. [214-5] With respect to directions, the fewest Trīndriya beings are in the West, more than them are in the East, more than them are in the South, and more than them are in the North. [215-1] With respect to directions, the fewest Caturindriya beings are in the West, more than them are in the East, more than them are in the South, and more than them are in the North. [215-2]
________________ 202] [ प्रज्ञापनासूत्र [214-2] दिशात्रों की अपेक्षा से सबसे थोड़े अप्कायिक जीव पश्चिम में हैं, उनसे विशेषाधिक पूर्व में हैं, (उनसे) विशेषाधिक दक्षिण में हैं और (उनसे भी) विशेषाधिक उत्तरदिशा में हैं। [3] दिसाणुवाएणं सम्बत्योवा तेउक्काइया दाहिणुत्तरेणं, पुरथिमेणं संखेज्जगुणा, पच्चत्थिमेणं विसेसाहिया। [214-3] दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े तेजस्कायिक जीव दक्षिण और उत्तर में हैं, . पूर्व में (उनसे) संख्यातगुणा अधिक हैं, (और उनसे भी) पश्चिम में विशेषाधिक हैं / [4] दिसाणुवाएणं सम्वत्थोवा वाउकाइया पुरथिमेणं, पच्चस्थिमेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया। [214-4] दिशानों की अपेक्षा से सबसे कम वायुकायिक जीव पूर्व दिशा में हैं, उनसे विशेषाधिक पश्चिम में हैं, उनसे विशेषाधिक उत्तर में हैं और उनसे भी विशेषाधिक दक्षिण में हैं। [5] दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया पच्चत्थिमेणं, पुरस्थिमेणं विसे साहिया, दाहिणणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया। [214-5] दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े वनस्पतिकायिक जीव पश्चिम में हैं, (उनसे) विशेषाधिक पूर्व में हैं, (उनसे) विशेषाधिक दक्षिण में हैं, (और उनसे भी) विशेषाधिक उत्तर में हैं। 215. [1] दिसाणुवाएणं सम्वत्थोवा बेइंदिया पच्चस्थिमेणं, पुरस्थिमेणं विसेसाहिया, दक्खिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया। [215-1] दिशाओं की अपेक्षा से सबसे कम द्वीन्द्रिय जीव पश्चिम में हैं, (उनसे) विशेषाधिक पूर्व में हैं, (उनसे) विशेषाधिक दक्षिण में हैं, (और उनसे भी) विशेषाधिक उत्तरदिशा [2] दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया पच्चत्थिमेणं, पुरस्थिमेणं विसेसाहिया, दाहिणणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया / [215-2] दिशाओं की अपेक्षा से सबसे कम त्रीन्द्रिय जीव पश्चिमदिशा में हैं, (उनसे) विशेषाधिक पूर्व में हैं, (उनसे) विशेषाधिक दक्षिण में हैं और (उनसे भी) विशेषाधिक उत्तर में हैं / [3] दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा चरिदिया पच्चत्थिमेणं, पुरस्थिमेणं विसेसाहिया, दाहिणणं विप्लेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया। (215-3] दिशाओं की अपेक्षा से सबसे कम चतुरिन्द्रिय जीव पश्चिम में हैं, (उनसे) विशेषाधिक पूर्वदिशा में हैं, (उनसे) विशेषाधिक दक्षिण में हैं (और उनसे भी) विशेषाधिक उत्तरदिशा में हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org