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(1) The first alpabahutva - Bhagavan! Among the sukshmas, from the sukshma prithvikaayik to the sukshma nigoda, and among the badaras, from the badara prithvikaayik to the badara sakaayik, who is less, more, equal or special? Gautama! The least are the badara sakaayik, they are outnumbered by the badara tejaskayik by an uncountable number, they are outnumbered by each body badara vanaspatikaayik by an uncountable number, they are outnumbered by the badara nigoda by an uncountable number, they are outnumbered by the badara prithvikaay by an uncountable number, they are outnumbered by the badara apkaay, badara vaayukaay respectively by an uncountable number, they are outnumbered by the badara vaayukaay by the sukshma tejaskay by an uncountable number, they are outnumbered by the sukshma prithvikaay by a special number, they are outnumbered by the sukshma apkaay, sukshma vaayukaay by a special number, they are outnumbered by the sukshma nigoda by an uncountable number, they are outnumbered by the sukshma nigoda by the badara vanaspati...
________________ पइविधाख्या पंचम प्रतिपत्तिा [137 (2-3) एवं अपज्जत्तगावि पज्जतगावि, णवरि सम्वत्थोवा बायरतेउक्काइया पज्जत्ता, बायरतसकाइया पज्जत्ता असंखेज्जगुणा, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया पज्जत्ता असंखेज्जगुणा, सेसं तहेव जाव सुहुभपज्जत्ता यिसेसाहिया। (4) एएसि णं भंते ! सुहुमाणं बादराण य पज्जत्ताणं अपज्जत्ताण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा.? गोयमा ! सम्वत्थोवा बायरा पज्जत्ता, बायरा अपज्जत्ता असंखेज्जगुणा, सम्वत्थोवा सुहमा अपज्जत्ता, सुहमपज्जत्ता संखेज्जगुणा / एवं सुहमपुढवि बायरपुढवि जाव सुहमणिगोदा बायरनिगोया, नवरं पत्तेयसरीरवणस्सइकाइया सम्वत्थोवा पज्जत्ता अपज्जत्ता, असंखेज्जगुणा / एवं बायरतसकाइयावि। (5) सवेसि पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला या विसेसाहिया वा? गोयमा ! सम्वत्थोवा बायरतेउक्काइया पज्जत्ता, बायरतसकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ते चेव अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, बायरणिओया पज्जत्ता असंखज्ज०, बायरपुढवि. असंख०, प्राउ-बाउ पज्जत्ता असंखेज्जगणा, बायरतेउकाइया अपज्जत्ता असंखे०, पत्तेयसरीर० असंखे०, बायरणिगोयपज्जत्ता असं०, बायरपुढवि० आउ-बाउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, सुहुमतेउक्काइया अपज्जत्तगा असं०, सुहुमपुढवि० आउ-वाउअपज्जत्ता विसेसाहिया, सुहुमतेउकाइयपज्जत्तगा संखेज्जगुणा, सुहमपुढवि-आउ-वाउपज्जत्तगा विसेसांहिया, सहमणिगोया अपज्जत्तगा असंखेज्जमुणा, सहमणिगोया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, बायरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा अणंतगुणा, बायरा पज्जत्तगा बिसेसाहिया, बायरवणस्सइ अपज्जत्ता असंखज्जगुणा, बायरा अपज्जत्ता विसेसाहिया, बायरा विसेसाहिया, सहमवणस्सहकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, सुहमा अपज्जत्ता विसेसाहिया, सुहुमवणस्सइकाइया पज्जता संखेज्जगुणा, सुहमा पज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमा विसेसाहिया। 221. स्पष्टता के लिए और पुनरावृत्ति को टालने के लिए प्रस्तुत पाठ का अर्थ विवेचनयुक्त दिया जाता है / प्रस्तुत पाठ में सूक्ष्मों और बादरों के समुदित पांच अल्पबहुत्व कहे गये हैं। वे इस प्रकार हैं (1) प्रथम अल्पबहुत्व-भगवन् ! सूक्ष्मों में सूक्ष्म पृथ्वीकायिक यावत् सूक्ष्म निगोदों में तथा बादरों में-बादर पृथ्वीकायिक यावत् बादर सकायिकों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े बादर सकायिक हैं, उनसे बादर तेजस्कायिक असंख्येयगुण हैं, उनसे प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक असंख्येयगण हैं, उनसे बादर निगोद असंख्येयगण उनसे बादर पृथ्वीकाय असंख्येयगुण हैं, उनसे बादर अपकाय, बादर वायुकाय क्रमशः असंख्येयगुण हैं, उन बादर वायुकाय से सूक्ष्म तेजस्काय असंख्येयगुण हैं, उनसे सूक्ष्म पृथ्वीकाय विशेषाधिक हैं, उनसे सूक्ष्म अप्काय, सूक्ष्म वायुकाय विशेषाधिक हैं,उनसे सूक्ष्मनिगोद असंख्यातगुण हैं, उन सूक्ष्मनिगोद से बादरवनस्पति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org