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Third Pratipati: The descent of Vijaydev and his coronation
Some devas perform the fragrant anointment (gandha-abhisheka) of Vijaydev, using various fragrant substances like sandalwood, aloe, camphor, etc.
Some devas wear celestial garments and ornaments made of gold, jewels, flowers, garlands, etc.
Some devas display various celestial arts and skills, such as dance, music, acrobatics, etc.
Some devas make various sounds and movements, like clapping, cheering, laughing, dancing, etc.
Some devas perform celestial feats, like flying, hovering, circling, etc.
Some devas emit flames, smoke, and sparks.
Some devas roar like lions, trumpet like elephants, and rumble like chariots.
Some devas perform celestial rituals and chant divine hymns.
The devas engage in a grand celebration to honor the coronation of Vijaydev.
________________ तृतीय प्रतिपति : विजयदेव का उपपात और उसका अभिषेक] [407 करेंति, अप्पेगड्या देवा कालागुरुपवरकुदरुक्कतरुक्कघवडज्झतमघमघेतगंधद्ध याभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेंति / अप्पेगइया देवा हिरण्णवासं वासंति, अप्पेगइया देवा सुवणवासं वासंति, अप्पेगइया देवा एवं रयणवासं वइरवासं पुप्फवासं मल्लवासं गंधवासं चुण्णवासं वत्थवासं आभरणवासं / अप्पेगइया देवा हिरण्णविधि भाइंति, एवं सुवणविधि रयणविधि वइरविधि पुष्फविधि मल्लविवि चुण्णविधि गंधविधि वत्थििध आभरणविधि भाइंति / अप्पेगइया देवा दुयं गट्टविधि उवदंसंति, अप्पेगइया विलंबितं गट्टविहि उबदसेंति, अप्पेगइया देवा दुयविलंबितं पट्टविधि उवदर्सेति, अप्पेगइया देवा अंचियं नट्टविधि उवदंसेंति, अप्पेगइया देवा रिभियं गट्टविधि उवदंसेंति, अप्पेगइया देवा अंचियरिभितं णाम दिग्वं गट्टविधि उवदंसेंति / अप्पेगइया देवा आरभडं गट्टविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया देवा भसोलं गट्टविहिं उपर्सेति, अप्पेइया देवा आरभडभसोलं णामं दिव्वं गट्टविहिं उवदंसेंति / अप्पेगइया देवा उप्पायणिवायपवुत्तं संकुचियपसारियं रियारियं भंतसंभंतं णाम दिव्वं नट्टविधि उवदंसेंति / अप्पेगइया देवा चम्विहं वाइयं वाति, तं जहा–ततं विततं घणं झुसिरं / अप्पेगइया देवा चउठिवहं गेयं गायंति, तं जहा--उक्खित्तयं, पवत्तयं, मंदाय, रोइयावसाणं / अप्पेगइया देवा चउटिवहं अभिणयं अमिणयंति, तं जहा-दिह्रतियं, पाउंतियं सामंतोपणिवाइयं, लोगमज्झावसाणियं। अप्पेगइया देवा पीणंति, अप्पेगइया देवा बक्कारेंति, अप्पेगइया देवा तंउति अप्पेगया देवा लासेंति, अप्पेगइया देवा पीगंति बुक्कारेंति तंडवेंति लासें ति, अप्पेगइया देवा अफोडंति, अप्पेगइया देवा वग्गति, अप्पेगइया देवा तिति छिदंति, अप्पेगइया देवा अप्फोति वग्गंति तिति छिदंति, अप्पेगहया देवा हयहेसियं करेंति, अप्पेगइया देवा हत्थिगुलगुलाइयं करेंति, अप्पेगइया देवा रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया देवा हयहेसियं करेंति हत्थिगुलगुलाइयं करेंति रहघणधणाइयं करेंति, अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति, अप्पेगइया देवा पच्छोलेंति अप्पेगइया देवा उक्किटिओ करेंति, अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति पच्छोलेंति उक्किट्ठिओ करेंति, अप्पेगइया देवा सीहणादं करेंति अप्पेगइया देवा पादवदरयं करेंति, अप्पेगइया देवा भूमिचवे दलयंति, अप्पेगइया देवा सोहणादं पादवद्दरयं भूभिचवेउं वलयंति, अप्पेगइया देवा हक्कारेंति अप्पेगइया देवा बुक्कारेंति अप्पेगइया देवा थक्कारेंति, अप्पेगइया वेवा पुक्कारेंति, अप्पेगइया देवा नामाइं सार्वति, अप्पेगइया देवा हक्कारेंति बुक्काति थक्कारेंति पुक्कारेंति णामाई सार्वति; अप्पेगइया देवा उप्पतंति अप्पेगइया देवा णिवयंति अप्पेगइया देवा परिवयंति अप्पेगइया देवा उप्पयंति णिवयंति परिवयंति, अप्पेगइया देवा जलंति अप्पेगहया देवा तवंति अप्पेगइया देवा पतवंति अप्पेगइया देवा जलंति तवंति पतवंति, अप्पेगइया देवा गज्जेंति आप्पेगइया देवा विज्जुयायंति अप्पेगइया देवा वासंति, अप्पेगइया देवा गज्जति विज्जयायंति वासंति, अप्पेगइया देवा सनिवार्य करेंति अप्पेगइया देवा देवुक्क लियं करेंति अप्पेगइया देवा देवकहकहं करेंति अप्पेगइया देवा दुहवुहं करेंति, अप्पेगइया देवा देवसनिवार्य देवउक्कलियं देवकहकहं देववुहदुहं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org