SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 97
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 40] [विपाकसूत्र-प्रथम श्रु तस्कन्ध पुढवीए नेरइयत्ताए उववज्जिहिइ / तत्तो सरीसवेसु संसारो तहेव जहा पढमे जाव पुढवि० / से णं तो अणंतरं उवट्टित्ता इहेब जम्बुद्दीवे दोवे भारहे वासे चम्पाए नयरीए महिसत्ताए पच्चायाहिइ / से गं तत्थ अन्नया कयाइ गोहिल्लएहि जीवियाओ ववरोविए समाणे तत्थेव चम्पाए नयरीए सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ / से णं तत्थ उम्मुक्कबालभावे तहारूवाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहिं बुझिहिइ, अणगारे भविस्सइ, सोहम्मे कप्पे, जहा पढमे, जाव अंतं करेहिइ, ति निक्खेवो। इस तरह वह प्रियसेन नपुसक इन पापपूर्ण कामों में ही (अपना कर्तव्य, प्रधान लक्ष्य, विज्ञान एवं सर्वोत्तम आचरण) बनाएगा / इन दुष्प्रवृत्तियों के द्वारा वह बहुत पापकर्मों का उपार्जन करके 121 वर्ष की परम आयु को भोगकर मृत्यु के समय में मृत्यु को प्राप्त होकर इस रत्नप्रभा नामक प्रथम नरक में नारक के रूप में उत्पन्न होगा। वहाँ से निकलकर सरीसृप-छाती के बल से चलने वाले सर्प आदि प्राणियों की योनियों में जन्म लेगा। वहाँ से उसका संसार-भ्रमण प्रथम अध्ययन में धणित मृगापुत्र की तरह होगा यावत् पृथिवीकाय आदि में जन्म लेगा / वहाँ से निकलकर इसी जम्बूद्वीप नामक द्वीप के अन्तर्गत भारतवर्ष की चम्पा नामक नगरी में भैंसा (महिष) के रूप में जन्म लेगा। वहाँ गोष्ठिकों-मित्रमण्डली के द्वारा मारे जाने पर उसी नगरी के श्रेष्ठिकुल में पुत्ररूप में उत्पन्न होगा। वहाँ पर बाल्यावस्था को पार करके यौवन अवस्था को प्राप्त होता हुआ वह तथारूप-विशिष्ट संयमी स्थविरों के पास शंका कांक्षा आदि दोषों से रहित बोधिलाभ को प्राप्तकर अनगार धर्म को ग्रहण करेगा / वहाँ से कालमास में कालकर सौधर्म नामक प्रथम देवलोक में उत्पन्न होगा / यावत् मृगापुत्र के समान कर्मों का अन्त करेगा / यहाँ इस अध्ययन का निक्षेप समझ लेना चाहिये / 1. देखिए प्र.अ., सूत्र-३२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003479
Book TitleAgam 11 Ang 11 Vipak Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages214
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy