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________________ विशिष्ट शब्दों एवं नामों का कोश [307 वाहा विउलमई विकप्प 167 विकहा 231 13 विग विगला विचित्त विच्छ्य व्याध विपुलमति–ज्ञानविशेष एक तरह का महल विकथा भेडिया, व्याघ्र अंगहीन विचित्रकूट पर्वत बिच्छू शाखाग्र कबूतरों का घर विनाश, हिंसा का 27 वां नाम विष्णुमय ढोल आदि वाद्य वितत पक्षी वृद्धि, अहिंसा का 21 वां नाम एक विशिष्ट लब्धि का धारक वीणा विभूति, अहिंसा का 32 वा नाम मैथुन का एक नाम विमुक्ति---अहिंसा का 12 वां नाम विमल-अहिंसा का 58 वां नाम व्याघ्र विराधना विष हाथी का दांत विशिष्टदृष्टि, अहिंसा का 28 वां नाम विशुद्धि, अहिंसा का 26 वां नाम पक्षीविशेष मठ विश्वासी का अवसर देखकर घात करने वाला विश्वास, अहिंसा का 51 वां नाम विश्रुत-प्रसिद्ध विजयपताका वेष्टिम-- जलेबी वेदिका, चबूतरा वेदविहित अनुष्ठान के अर्थी 161 167 117 161 113 162 विडव विडंग विणासो विण्हुमय वितत वितत (वियय) पक्खि विद्धि विप्पोसहिपत्त विपंची विभूती विभंग विमुत्ती विमल वियग्ध विराहणा विस विसाण विसिट्ठदिट्ठि विसुद्धी विहग विहार वीसत्यछिद्दघाई वीसासो वीसुय वेजयन्ती वेढिम वेतिय वेयत्थो 13 113 161 161 65 162 218 86 242 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003478
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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