________________ छट्ठो वग्गो-षष्ठ वर्ग 1-2 अध्ययन मकाई और किंकम १--जइ णं भंते ! समणणं भगवया महावीरेणं अट्ठमरस अंगस्स अंतगडदसाणं पंचमस्स वग्गस्स अयमठे पण्णत्ते, छट्टम्स णं भंते ! वग्गस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमल्स अंगस्स अंतगडदसाणं छट्ठस्स बग्गस्स सोलस अज्झयणा पण्णता, तं जहासंगहणी गाहा (1) मकाइ (2) किंकमे चेव, (3) मोग्गरपाणी य (4) कासवे / (5) खेमए (6) बिइहरे, चेव (7) केलासे (8) हरिचंदणे // 1 // (8) वारत्त (10) सुदंसण (11) पुण्णभद्द तह (12) सुमणभद्द (13) सुपइट। (14) मेहे (15) प्रइमुत्त (16) अलक्के, अज्झयणाणं तु सोलसयं // 2 // जइ सोलस प्रज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स अंतगडदसाणं के अछे पण्णत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिए राया। तत्थ णं मकाई नाम गाहावई परिवसइ-प्रड्डे जाव' अपरिभूए / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावोरे गुणसिलए जाव [चेइए अहापडिरूवं उग्गहं उम्गिण्हह, अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे] विहरइ। परिसा निग्गया। तए णं से मकाई गाहावई इमोसे कहाए / लद्धठे जहा पण्णत्तोए गंगदत्त तहेव इमो वि जेठ्ठपुत्त कुडुबे ठवेत्ता पुरिससहस्सवाहिणोए सोयाए निक्खंते जाव' अणगारे जाए-इरियासमिए जाव गुत्तबंभयारी। तए णं से मकाई अणगारे समणस्स भगवनो महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ / सेसं जहा खंदयस्स गुणरयणं तवोकम्मं सोलसवासाइं परियारो। तहेव विउले सिद्ध / किंकमे वि एवं चेव जाव विउले सिद्ध / 1. वर्ग 3, सूत्र 1. 2-3. वर्ग 1, सूत्र 18. 4. इसी सूत्र के उपरोक्त वर्णनानुसार / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org