________________ 428 428 430 431 434 435 437 439 440 442 442 444 445 449 स्वयंवरमण्डप का निर्माण आवास-व्यवस्था स्वयंवर : घोषणा स्वयंबर पाण्डवों का वरण विवाह-विधि पाण्डु राजा द्वारा निमंत्रण हस्तिनापुर में कल्याणकरण नारद का आगमन द्रौपदी पर नारद का रोष नारद का अमरकंकागमन : जाल रचना पद्मनाभ की दुर्लालसा द्रौपदी-हरण पद्मनाभ का द्रौपदी को भोग-प्रामंत्रण द्रौपदी की गवेषणा द्रौपदी का उद्धार कृष्ण द्वारा देव का आह्वान पद्मनाभ के पास दूतप्रेषण पद्मनाभ-पाण्डव-युद्ध पाण्डवों की पराजय पद्मनाभ द्रौपदी की शरण में द्रौपदी-समर्पण वासुदेवों का ध्वनि-मिलन श्रीकृष्ण का लौटना : पाण्डवों की शरारत श्रीकृष्ण का पाण्डवों पर रोष : देशनिर्वासन पाण्डुमथुरा की स्थापना पाण्डुसेन का जन्म स्थविर-प्रागमन : धर्मश्रवण प्रवज्याग्रहण भगवान् अरिष्टनेमि का निर्वाण पाण्डवों का निर्वाण प्रार्या द्रौपदी का स्वर्गवास द्रौपदी का भविष्य सत्तरहवाँ अध्ययन : आकीर्ण सार : संक्षेप जम्बूस्वामी की जिज्ञासा 451 453 454 mmxxx Wonढी 464 467 468 470 471 474 73 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org