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________________ , mr m vv r mr m 390 393 393 394 395 395 o उपसंहार धन्य का अहिच्छत्रा पहुंचना माल का क्रय-विक्रय धन्य की प्रव्रज्या-भविष्य निक्षेप सोलहवाँ अध्ययन : द्रौपदी सार : संक्षेप जम्बूस्वामी का प्रश्न सुधर्मास्वामी का उत्तर ब्राह्मण-बंधुत्रों का सहभोज का निर्णय नागश्री द्वारा कटुक तुबे का शाक पकाना स्थविर-ग्रागमन धर्मरुचि अनगार का भिक्षार्थगमन कटुक तुंबे का दान स्थविर का आदेश परठने से होने वाली हिंसा--स्वशरीर में प्रक्षेप धर्मरुचि को देवपर्याय की प्राप्ति नागश्री की दुर्दशा सुकुमालिका का कथानक सुकुमालिका का विवाह सुकुमालिका का पति द्वारा परित्याग सुकुमालिका का पुनर्विवाह सुकुमालिका का पुनः परित्याग सुकुमालिका की दानशाला दीक्षाग्रहण सुकुमालिका का निदान सुकुमालिका की बकुशता सुकूमालिका का पृथक् विहार निधन : स्वर्गप्राप्ति द्रौपदी-कथा . द्रौपदी का जन्म नामकरण द्रौपदी का स्वयंवर स्वयंवर के लिए कृष्ण का प्रस्थान हस्तिनापुर को दूतप्रेषण अन्य दूतों का अन्यत्र प्रेषण 0 0 0 0 six 419 Morroror Morn 425 426 72 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003474
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages660
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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