________________ अष्टम शतक : उद्देशक-९ ] [377 52. जइ एगिदियवेउब्धियसरीरप्पयोगबंधे कि वाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे, प्रवाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वे उब्क्यिसरीरभेदो तहा भाणियन्वो जाव पज्जत्तसन्धसिद्ध अणुत्तरोववाइयकप्पातीयवेमाणियदेवचिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे य अपज्जत्तसन्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव पयोगबंधे य / [52 प्र.] भगवन् ! यदि एकेन्द्रिय-वैक्रिय-शरीर प्रयोगबन्ध है, तो क्या वायुकायिक एकेन्द्रिय-वैक्रियशरीरप्रयोगबन्ध है अथवा अवायुकायिक एकेन्द्रिय-वैक्रियशरीरप्रयोगबन्ध है ? [52 उ.] गौतम ! इस प्रकार के अभिलाप द्वारा (प्रज्ञापनासूत्र के इक्कीसवें) अवगाहना संस्थानपद में वैक्रियशरीर के जिस प्रकार भेद कहे गए हैं, उसी प्रकार यहाँ भी यावत- 'पर्याप्तसर्वार्थसिद्ध-अनुत्तरोपपातिक-कल्पातीत-वैमानिकदेव-पंचेन्द्रिय-वैक्रियशरीर-प्रयोगबन्ध और अपर्याप्तसर्वार्थसिद्ध-अनुत्तरोपपातिक-कल्पातीत-वैमानिकदेव-पंचेन्द्रिय-वैक्रियशरीर-प्रयोगबन्ध' तक कहना चाहिए / 53. वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसव्वयाए जाव प्राउयं वा लद्धि वा पडुच्च वेउब्धियसरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे। [53 प्र] भगवन् ! वैक्रियशरीर-प्रयोगबन्ध किस कर्म के उदय से होता है ? [53 उ.] गौतम ! सवीर्यता, सयोगता, सद्व्यता, यावत् आयुष्य अथवा लब्धि की अपेक्षा तथा वैक्रियशरीर-प्रयोग-नामकर्म के उदय से वैक्रियशरीरप्रयोग-बन्ध होता है / 54. वाउक्काइयएगिदियवेउम्बियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा! वीरियसजोगसद्दव्वयाए तं चेव जाव लद्धि वा पडुच्च बाउक्काइयएगिदियवेउन्विय जाव बंधे। यक-एकेन्द्रिय-वैक्रियशरीरप्रयोगबन्ध किस कर्म के उदय से होता है ? [54 उ.] गौतम ! सवीर्यता, सयोगता, सद्व्यता यावत्-आयुष्य और लब्धि की अपेक्षा से तथा वायुकायिक-एकेन्द्रिय-बै क्रियशरीर-प्रयोग-नामकर्म के उदय से वायुकायिक एकेन्द्रियवैक्रियशरीरप्रयोगबन्ध होता है। 55. [1] रयणप्पभापुढविनेरइयचिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं? गोयमा ! बीरियसजोगसव्वयाए जाव पाउयं वा पडुच्च रयणप्पभापुढवि० जाव बंधे / [55-1 प्र.] भगवन् ! रत्नप्रभापृथ्वी-नैरयिक-पंचेन्द्रिय-वैक्रियशरीर-प्रयोगबन्ध किस कर्म के उदय से होता है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org