________________ [ व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र [6-2 उ.] गौतम ! वह त्रिविध-त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, अथवा त्रिविध-द्विविध प्रतिक्रमण करता है, अथवा यावत् एकविध-एकविध प्रतिक्रमण करता है। 1. जब वह त्रिविध-त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, दूसरे से करवाता नहीं और करते हुए का अनुमोदन करता नहीं मन से, वचन से और काया से / 2. जब त्रिविध-द्विविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, दूसरे से करवाता नहीं, और करते हुए का अनुमोदन नहीं करता, मन से और वचन से; 3. अथवा वह स्वयं करता नहीं, कराता नहीं और अनुमोदन नहीं करता, मन से और काया से; 4. या वह स्वयं करता, कराता और अनुमोदन करता नहीं, वचत से और काया से। 5. जब त्रिविध एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं नहीं करता, न दूसरे से करवाता है और न करते हुए का अनुमोदन करता है, मन से, 6. अथवा स्वयं नहीं करता, दूसरे से नहीं करवाता और करते हुए का अनुमोदन नहीं करता, वचन से; अथवा ७–स्वयं नहीं करता, दूसरे से नहीं कराता और करते हुए का अनुमोदन नहीं करता है; काया से / ८-जब द्विविध-त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, मन, वचन और काया से, ९-अथवा स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मनवचन-काया से १०-अथवा दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन, वचन और काया से। जब द्विविध-द्विविध प्रतिक्रमण करता है, तब-११-स्वयं नहीं करता, दूसरों से करवाता नहीं, मन और वचन से; १२-अथवा स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, मन और काया से, अथवा १३--स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, वचन और काया से; अथवा 14-- स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन और वचन से ; अथवा १५-स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन और काया से; अथवा १६-स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, वचन और काया से / अथवा १७-दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन और वचन से, अथवा १५-दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन और काया से; अथवा १९-दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, वचन और काया से / जब द्विविध-एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब २०–स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, मन से; अथवा २१–स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, वचन से; अथवा 22- स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, काया से / अथवा 23 स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन से ; अथवा २४-स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, वचन से; अथवा २५--स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, काया से / अथवा २६-दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन से; अथवा २७-दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, वचन से; अथवा २८-दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, काया से / / जब एकविध-त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब २६–स्वयं करता नहीं, मन, वचन और काया से ; अथवा ३०-दूसरों से करवाता नहीं, मन, वचन और काया से ; अथवा ३१-करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन, वचन और काया से / www.jainelibrary.org Jain Education International For Private & Personal Use Only