________________ छठा शतक : उद्देशक-७ ] [81 . विवेचन-सुषमसुषमाकालीन भारतवर्ष के जीवों-अजीवों के भाव-निरूपण-प्रस्तुत सूत्र में सुषमसुषमा नामक अवसर्पिणीकालिक प्रथम बारे में मनुष्यों एवं पदार्थों की उत्कृष्टता का वर्णन किया गया है / कठिन शब्द-उत्तमढपत्ताए-आयुष्यादि उत्तम अवस्था को प्राप्त / तेलि =तेजवाले और रूप वाले। / छठा शतक : सप्तम उद्देशक समाप्त / 1. (क) भगवती अ. यत्ति, पत्रांक 277-278 (ख) जीवाभिगमसूत्र प्रतिपत्ति 2 उत्तरकुरुवर्णन प. 262 से 288 तक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org