________________ 74.] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र [4] सभी मिला करं महायुग्म-सम्बन्धी 81 शतक सम्पूर्ण हुए। विवेचन-शुक्ललेश्यी अभव्य की स्थिति-अभव्य संज्ञी पंचेन्द्रिय की शुक्लले श्या की स्थिति अन्तमुहर्त-अधिक इकतीस सागरोपम की कही है, वह पूर्वभव के अन्तिम अन्तर्मुहर्त्त-सहित नौवें अवेयक की 31 सागरोपम की उत्कृष्ट स्थिति की अपेक्षा जाननी चाहिए, क्योंकि अभव्य जीव उत्कृष्ट नौवें अवेयक तक जाता है तथा वहाँ शुक्ललेश्या होती है। 21 महायुग्मशतक-पैतीसवें से उनचालीसवें शतक तक प्रत्येक के 12-12 अवान्तर शतक हैं तथा इस चालीसवें शतक के कुल 21 अवान्तरशतक हैं, इस प्रकार कुल शतक 60+21 81 हुए / // चालीसवाँ शतक : अवान्तरमहायुग्मशतक समाप्त / / // चालीसवां शतक सम्पूर्ण / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org