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________________ जीवों की ग्यारह स्थानों द्वारा क्रियावादिता आदि प्ररूपणा चौवीस दण्डकों में ग्यारह स्थानों द्वारा क्रियावादी समवसरण-प्ररूपणा क्रियावादादि चतुर्विध समवसरणगत जीवों की ग्यारह स्थानों में प्रायुष्यबन्ध-प्ररूपणा चौवीस दण्डकवर्ती क्रियावादी आदि जीवों की ग्यारह स्थानों में आयुष्यबन्ध-प्ररूपणा क्रियावादी आदि चारों में जीव और चौवीस दण्डकों की ग्यारह स्थानों द्वारा भन्याभव्य-प्ररूपणा 582 584 586 596 द्वितीय उद्देशक अनन्तरोपपन्नक चौबीस दण्डकवर्ती जीवों के ग्यारह स्थानों द्वारा क्रियावादादि-प्ररूपणा क्रियावादी आदि चारों में अनन्त रोषपन्नक चौवीस दण्डकों की ग्यारह स्थानों द्वारा भव्याभव्य-प्ररूपणा तृतीय उद्देशक परम्परोपपत्रक चौवीस दण्डकीय जीवों में ग्यारह स्थानों द्वारा क्रियावादादि-निरूपण चतुर्थ से ग्यारहवाँ उद्देशक छन्वीसवें शतक के क्रम से 4-11 वें उद्देशक तक की प्ररूपणा इकतीसवाँ-बत्तीसवाँ शतक प्राथमिक 605 इकतीसवाँ शतक 607 प्रथम उद्देशक क्षुद्रयुग्म : नाम और प्रकार चतुर्विध क्षुद्रयुग्म नैरयिकों के उपपात के सम्बन्ध में विभिन्न प्ररूपणा द्वितीय उद्देशक चतुर्विध क्षुद्रयुग्म-कृष्णलेश्यो नैरयिकों के उत्पात को लेकर विविध प्ररूपणा तृतीय उद्देशक चतुविध क्षुद्रयुग्मविशिष्ट नीललेश्यी नरयिको सम्बन्धी प्ररूपणा चतुर्थ उद्देशक चतुर्विध क्षुद्रयुग्म कापोतलेश्यी नै रयिकों को लेकर विविध प्ररूपणा पंचम उद्देशक चतुर्विध क्षुद्रयुग्म-भवसिद्धिक नैरयिकों की उपपात सम्बन्धी विविध प्ररूपणा षष्ठ उद्देशक कृष्णलेश्यी भवसिद्धिक नारकों की उपपात सम्बन्धी प्ररूपणा 614 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003473
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages2986
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size69 MB
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