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________________ का यथायोग्य निरूपण 81, चौबीस दण्डकों और सिद्धों में द्वादश, नोद्वादश आदि पदों का यथायोग्य निरूपण 82, द्वादश, नोद्वादश आदि से समजित चौवीस दण्डकों तथा सिद्धों का अल्पवहत्व 84, चौवीस दण्डकों और सिद्धों में चतुरर्दशीति-समजित आदि पदों का यथायोग्य निरूपण 85, चतुर्दशीति-नोचतुर्दशीति इत्यादि से सजित चौवीस दण्डकों और सिद्धों का अल्पबहुत्व निरूपण 87 / इक्कीसवें बाईसवें और तेईसवें शतक का प्राथमिक इक्कीसवां शतक इक्कीसवें शतक के पाठ वगों के नाम तथा अस्सी उद्देशकों का निरूपण प्रथम वर्ग : प्रथम उद्देशक मूलरूप में उत्पन्न होने वाले शालि आदि जीवों के उत्पाद-संख्या-शरीरावगाहना-कम-बंध-वेद-उदय-उदीरणादष्टि आदि पदों की प्ररूपणा प्रथम 'शालिवर्ग' : शेष नौ उद्देशक द्वितीय 'कलवर्ग' : दश उद्देशक प्रथम शालिवर्गानुसार द्वितीय कलवर्ग का निरूपण तृतीय 'अतसी' वर्ग : दस उद्देशक प्रथम शालिवर्गानुसार तृतीय अतसी वर्ग का निरूपण चतुर्थ 'वंश' वर्ग : दस उद्देशक प्रथम शालिवर्ग के अनुसार चतुर्थ वंशवर्ग का निरूपण पंचम 'इक्षु' वर्ग : दस उद्देशक चतुर्थ वंशवर्गानुसार पंचम इक्षुवर्ग का निरूपण छठा दर्भ वर्ग : दस उद्देशक चतुर्थ वणवर्गानुसार छठे दर्भवर्ग का निरूपण सप्तम 'अ' वर्ग : दस उद्देशक चतुर्थ वंशवर्गानुसार सप्तम अभ्रवर्ग का निरूपण अष्टम तुलसी वर्ग : दस उद्देशक चतुर्थ वंशवर्गानुसार अष्टम तुलसीवर्ग का निरूपण बाईसवाँ शतक बाईसवें शतक के छह वर्गों के नाम, उसके पाठ उद्देशकों का निरूपण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003473
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages2986
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size69 MB
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