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________________ 370] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र [14 प्र.] भगवन् ! जब देवेन्द्र देवराज ईशान तमस्काय करना चाहता है, तब किस प्रकार करता है ? [14 उ.] गौतम ! जब देवेन्द्र देवराज ईशान तमस्काय करना चाहता है, तब आभ्यन्तर परिषद् के देवों को बुलाता है और फिर वे बुलाए हुए आभ्यन्तर परिषद के देव मध्यम परिषद् के देवों को बुलाते हैं, इत्यादि सब वर्णन ; यावत्-'तब बुलाये हुए वे आभियोगिक देव तमस्कायिक देवों को बुलाते हैं, और फिर वे समाहत तमस्कायिक देव तमस्काय करते हैं; यहाँ तक शकेन्द्र (द्वारा वृष्टिकाय प्रक्रिया) के समान जानना चाहिए। हे गौतम ! इस प्रकार देवेन्द्र देवराज ईशान तमस्काय करता है। 15. अस्थि णं भंते ! असुरकुमारा वि देवा तमुकायं पकरेंति ? हंता, अस्थि / [15 प्र.] भगवन् क्या असुरकुमार देव भी तमस्काय करते हैं ? [15 उ.] हाँ, गौतम ! (वे) करते हैं। 16. किपत्तियं णं भंते ! असुरकुमारा देवा तमुकायं पकरेंति ? गोषमा ! किड्डारतिपत्तियं वा, पडिगीयविमोहणट्ठयाए बा, गुत्तिसारक्खणहेउं वा अप्पणो वा सरीरपच्छायणट्ठयाए, एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारा वि देवा तमुकायं पकरेंति / [16 प्र] भगवन् ! असुरकुमार देव किस कारण से तमस्काय करते हैं ? [16 उ. गौतम ! क्रीड़ा और रति के निमित्त, शत्रु (विरोधी, प्रत्यनीक) को विमोहित करने के लिए. गोपनीय (छिपाने योग्य) धनादि की सरक्षा के हेत. अथवा अपने शरीर को प्रच्छादित करने (ढंकने) के लिए, हे गौतम ! इन कारणों से असुरकुमार देव भी तमस्काय करते हैं / 17. एवं जाव वेमाणिया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहर इ / // चोइसमे सए : बितिओ उद्देसनो समत्तो // 14-2 // [17] इसी प्रकार (शेष भवनपति देव, वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क तथा) यावत् वैमानिकों तक कहना चाहिए। हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है, यों कह कर यावत् गौतम स्वामी विचरते हैं। विवेचन-देवेन्द्र ईशान कृत तमस्काय प्रकिया यह प्रक्रिया भी शकेन्द्र-वष्टिकाय की प्रक्रिया के समान है। 1. वियाहतपणत्तिसुत्तं (मूलपाट-टिप्पणयुक्त) भा. 2, पृ. 663 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003473
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages2986
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size69 MB
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