________________ सम्पादन-सहयोगी-सत्कार से विशाल आगम का सम्पादन-प्रकाशन वास्तव में बहुत ही श्रमसाध्य और व्ययसाध्य कार्य है। इसका सम्पादन प्रवचनभूषण श्री अमर मुनिजी के सान्निध्य में उन्हीं के प्रमुख सहयोग से सम्पन्न हुमा / इसमें गुरुदेव भंडारी श्री पदम चन्दजी म. की प्रेरणा सदा कार्य को गति देती रही। साथ ही अन्य साधन जुटाने, विद्वानों आदि की व्यवस्था में जो व्यय हुमा, उसका सहयोग नि.लि. उदार सद्गृहस्थों से प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक धन्यवाद / 1. सुश्रावक श्री प्रात्मारामजी जैन कुरुक्षेत्र (अम्बाला) 2. श्री शान्तिकुमार अजयकुमार जैन रूपनगर (दिल्ली) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org