________________ दशम शतक : उद्देशक-३] का अल्पद्धिक देवियों के साथ ) / इन सबका निष्कर्ष यह है कि जैसे पहले अल्प-ऋद्धिक, महद्धिक और समद्धिक देवों के विषय में कहा है, वैसे ही देव-देवियों के तथा देवियों-देवियों के विषय में भी कहना चाहिए। शेष सभी पूर्ववत् समझना चाहिए।' दौड़ते हुए अश्व के 'खु-खु' शब्द का कारण 18. प्रासस्स गं भंते ! धावमाणस्स कि 'खु खु' त्ति करेइ ? गोयमा ! आसस्स णं धावमाणस्स हिययस्स य जगयस्स य अंतरा एत्थ णं कक्कड़ए नामं वाए समुट्ठइ, जे णं आसस्स धावमाणस्स 'खु खु' त्ति करेति / [18 प्र.] भगवन् ! दौड़ता हुआ घोड़ा 'खु-खु' शब्द क्यों करता है ? [18 उ.] गौतम ! जब घोड़ा दौड़ता है तो उसके हृदय और यकृत् के बीच में कर्कट नामक वायु उत्पन्न होती है, इससे दौड़ता हुआ घोड़ा 'खु-खु' शब्द करता है। विवेचन-घोड़े की खु-खु आवाज : क्यों और कहाँ से ? --प्रस्तुत सूत्र 18 में दौड़ते हुए घोडे की 'खु-खु' आवाज का कारण हृदय और यकृत के बीच में कर्कटवायु का उत्पन्न होना बताया है। कठिन शब्दों का भावार्थ--आसस्स-अश्व के / धावमाणस्स--दौड़ते हुए। जगयस्सयकृत =(लीवर---पेट के दाहिनी ओर का अवयव विशेष, प्लीहा) के / यियस्स- हृदय के / कक्कडए-कर्कट / समुट्ठइ-उत्पन्न होता है / 3 प्रज्ञापनी भाषा : मृषा नहीं१९. अह भंते ! प्रासइस्सामो सइस्सामो चिहिस्सामो निसिइस्सामो तुट्टिस्सामो, आमंतणि 1 आणमणी 2 जायणि 3 तह पुच्छणी 4 य पण्णवणी 5 / पच्चक्खाणी भासा 6 भासा इच्छाणुलोमा य 7 // 1 // अणभिग्गहिया भासा 8 भासा य अभिग्गहम्मि बोधव्या 9 / संसयकरणी भासा 10 वोयड 11 मन्बोयडा 12 चेव // 2 // पण्णवणी णं एसा भासा, न एसा भासा मोसा ? हंता, गोयमा ! आसइस्सामो० तं चेव जाव न एसा भासा मोसा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति। // दसमे सए तइओ उद्देसो समत्तो // 10. 3 // -- . 1. (क) भगवती, अ. वृत्ति, पत्र 499 (ख) भगवती (विवेचन) पृ. 186, भा. 4 2. वियाहपण तिसूत्तं (म. पा. टिप्पणयुक्त), भा. 2, 5. 493 3. भगवती. अ. वृत्ति, पत्र 499 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org