________________ 596 [ বায়ােসলি [13 प्र.] भगवन् ! अल्प-ऋद्धिक देवी, महद्धिक देव के मध्य में से हो कर जा सकती है ? [13 उ.] गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं। इस प्रकार यहाँ भी यह तीसरा दण्डक कहना चाहिए यावत्-(प्र.) भगवन् ! महद्धिक वैमानिक देवी, अल्प-ऋद्धिक वैमानिक देव के बीच में से होकर जा सकती है ? [उ.] हां, गौतम ! जा सकती है। 14. अप्पिड्डीया गं.भंते ! देवी महिड्डियाए देवीए मज्झमझेणं वीतीवएज्जा ? णो इणठे समठे। [14 प्र.] भगवन् ! अल्प-ऋद्धिक देवी महद्धिक देवी के मध्य मेंहोकर जा सकती है ? [14 उ.] गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं / 15. एवं समिडिया देवी समिड्डियाए देवीए तहेव / [15] इसी प्रकार सम-ऋद्धिक देवी का सम-ऋद्धिक देवी के साथ (सू. 7 के अनुसार) पूर्ववत् आलापक कहना चाहिए। 16. महिड्डिया देवी अप्पिड्डियाए देवीए तहेव / [16] महद्धिक देवी का अल्प-ऋद्धिक देवी के साथ (सू. 8 के अनुसार) आलापक कहना चाहिए। 17. एवं एक्केके तिग्णि तिणि आलावगा भाणियन्वा जाव माहिडीया णं भंते ! वेमाणिणी अप्पिड्डीयाए वेमाणिणीए मज्झमझेणं वीतीवएज्जा ? हंता, वीतीवएज्जा। सा भंते ! कि विमोहिता पभू? तहेब जाव पुयि वा वोइवइत्ता पच्छा विमोहेज्जा / एए चत्तारि दंडगा। [17] इसी प्रकार एक-एक के तीन-तीन पालापक कहने चाहिए; यावत्---(प्र.) भगवन् ! वैमानिक महद्धिक देवी, अल्प-ऋद्धिक वैमानिक देवी के मध्य में होकर जा सकती है ? [उ. हाँ गौतम ! जा सकती है। यावत..--(प्र.) क्या वह मद्धिक देवी, उसे विमोहित करके जा सकती है या विमोहित किए बिना भी जा सकती है ? तथा पहले विमोहित करके बाद में जाती है, अथवा पहले जा कर बाद में विमोहित करती है ? (उ.) हे गौतम ! पूर्वोक्त रूप से जानना चाहिए, यावत्-पहले जाती है और पीछे भी विमोहित करती है; तक कहना चाहिए / इस प्रकार के चार दण्डक कहने चाहिए। __ विवेचन--महद्धिक-सद्धिक-अल्पद्धिक देव-देवियों का एक दूसरे के मध्य में से गमनसामर्थ्य प्रस्तुत 7 सूत्रों (11 से 17 तक) में पूर्ववत् गमनसामर्थ्य के विषय में 7 पालापक प्रस्तुत किये गए हैं / यथा-(१) अल्पद्धिक देव का महद्धिक देवी के साथ, (2) सद्धिक देव का सद्धिक देवी के साथ, (सभी जातियों के देवों का स्व-स्वजातीय देवियों के साथ), (3) अल्प-ऋद्धिक देवी का महद्धिक देव के साथ, (4) महद्धिक चतुनिकायगत देवी अल्प-ऋद्धिक चारों जाति के देवों के साथ, (5) अल्प-ऋद्धिक देवी महद्धिक देवी के साथ, (6) सम-ऋद्धिक देवी समद्धिक देवी के साथ, और (7) महद्धिक देवी का अल्प-ऋद्धिक देवी के साथ 1 (यावत् भवनपति से वैमानिक तक महद्धिक देवियों Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org