________________ [ध्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र रयणप्पभाए, तिणि अहेसत्तमाए होज्जा 6=12 / अहवा तिण्णि रयण०, दो सक्करप्पभाए होज्जा 1.13 / एवं जाव अहेसत्तमाए होज्जा 6 = 18 / अहवा चत्तारि रयण, एगे सक्करप्पभाए होज्जा 1-19 / एवं जान अहवा चत्तारि रयण, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 6 -- 24 / अहवा एगे सक्कर०, चत्तारि बालुयप्पभाए होज्जा 1 / एवं जहा रमणप्यभाए समं उवरिभपुढबीओ चारिमाओ तहा सक्करप्पभाए वि समं चारेयवाओ जाव अहवा चत्तारि सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 20 / एवं एक्केक्काए समं चारेयवाओ जाव अहवा चत्तारि तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 84 / पाँच नैरयिकों के त्रिसंयोगी भंग ___ अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, तिण्णि वालुप्पभाए होज्जा 1 / एवं जाव अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, तिणि अहेसत्तमाए होज्जा 5 / अहवा एगे रयण, दो सक्कर०, दो वालुयप्पभाए होज्जा 1-6 / एवं जाव अहवा एगे रयण 0, दो सक्कर०, दो अहेसत्तमाए होज्जा 5.10 / अह्वा दो रयणप्यभाए, एगे सकरप्पभाए, दो वालयप्पभाए होज्जा 1-11 / एवं जाव अहवा दो रयणग्यभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा 5-15 / अहवा एगे रयण०, तिण्णि सक्कर०, एगे वालुयप्पभाए होज्जा 1-16 / एवं जाव अहवा एगे रयण, तिणि सक्कर०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 5.20 / अहवा दो रयण, दो सक्कर०, एगे वालुयप्पभाए होज्जा 1-21 / एवं जाव दो रयण, दो सक्कर०, एगे अहेसत्तमाए 5-25 / अहवा तिण्णि रयण०,एगे सक्कर०, एगे बालुयप्पभाए होज्जा 1.26 / एवं जाव अहवा तिष्णि रयण, एगे सक्कर०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 5-30 / अहवा एगे रयण०, एगे वालय०, तिण्णि पंकप्पभाए होज्जा 1-31 / एवं एएणं कमेणं जहा चउण्हं तियसंजोगो भणितो तहा पंचण्ह वितियसंजोगो भाणियन्वो; नवरं तत्थ एगो संचारिज्जइ, इह दोण्णि, सेसं तं चेव, जाव अहवा तिणि धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 210 / पंच नैरयिकों के चतुःसंयोगी भंग अहवा एगे रयण, एगे सक्कर०, एगे वालुय०, दो पंकप्पभाए होज्जा 1 / एवं जाव अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर० एगे वालुय०, दो अहेसत्तमाए होज्जा 4 / अहवा एगे रयण० एगे सक्कर दो वालय०, एगे पंकप्पषभाए होज्जा 1-5 / एवं जाव अहेसत्तमाए 4-8 / अहवा एगे रयण०, दो सश्करप्पभाए, एगे वालुय०, एगे पंकप्पभाए होज्जा 1-9 / एवं जाव अहवा एगे रयण०, दो सक्कर०, एगे वालुय०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 4-12 / अहवा दो रयण०, एगे सक्कर०, एगे वालय०, एगे पंकप्पभाए होज्जा 1-13 / एवं जाव अहवा दो रयण०, एगे सक्कर०, एगे वालप०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 4-16 / अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे पंक०, दो धूमप्यभाए होज्जा 1-17 / एवं जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा पंचण्ह वि चउक्कसंजोगो भाणियब्वो, नवरं अभहियं एगो संचारेयनो, एवं जाब अहवा दो पंक०, एगे धूम०, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा 140 / __ अहवा 1-1-1-1-1 एगे रथण०, एगे सक्कर, एगे वालय, एगे पंक०, एगे धूमप्पभाए होज्जा 1 / प्रहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, एगे बालुय०, एगे पंक०, एगे तमाए होज्जा 2 / प्रहवा एगे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org