________________ इक्कीसवें समवाय का चौथा सूत्र--'एगमेगाए णं उस्स प्पिणीए.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 31 में भी प्रत्येक उत्सर्पिणी का पहला दुषमा और दूसरा दुषम-दुषमा आरा इकबीस-इकबीस हजार वर्ष का है। - चौबीसवें समवाय का दूसरा सूत्र-'चुल्लहिमवंत-सिहरीणं......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति३२ में लघुहिमवंत और शिखरी वर्षधर पर्वतों की जीवा का आयाम चौबीस हजार नौ सौ बत्तीस योजन तथा एक योजन के अड़तीसवें भाग से कुछ अधिक कहा है। चौबीसवें समवाय का तीसरा सूत्र-'चउवीसं देवठाणा........' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 33 में भी देवताओं के चौबीस स्थान इन्द्रवाले शेष अहमिन्द्र---अर्थात् इन्द्र और पुरोहित रहित कहे गए हैं। चौबीसवें समवाय का पांचवां सूत्र-'मंगा-सिंधूओ णं महाणदीओ.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 34 में भी महानदी गंगा और सिन्धु का प्रवाह कुछ अधिक चौवीस कोश का चौड़ा बतलाया है / चौबीसवें समवाय का छठा सूत्र-~-'रत्तारत्तवतीओ पं........' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 235 में भी यही विषय वर्णित है। पच्चीसवें समवाय का तीसरा सूत्र-'सब्वे वि दोहवेयड्ढपब्वया......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 3 में भी सर्वदीर्घ वैताढय पर्वत इसी प्रकार के कहे हैं। पच्चीसवें समवाय का सातवां सूत्र- 'गंगासिंधूप्रो णं महाणदीयो.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 39 में भी वर्णन है कि महानदी गंगा-सिंधु का मुक्तावली हार की आकृतिवाला पच्चीस कोश का विस्तृत प्रवाह पूर्व-पश्चिम दिशा में घटमुख से अपने-अपने कुण्ड में गिरता है। इकतीसवें समवाय का दूसरा सूत्र--'मंदरे पव्वए.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 238 में भी लिखा है 'पृथ्वीतल पर मेरु की परिधि कुछ कम इकतीस हजार छह सौ तेईस योजन की है।' इकतीसवें समवाय का तीसरा सूत्र-'जया णं सूरिए ...' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति में भी सूर्यदर्शन का वर्णन है। तेतीसवें समवाय का तीसरा सूत्र-'महाविदेहे णं वासे ...' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति६४० में महाविदेह का विष्कम्भ कुछ अधिक तेतीस हजार योजन का बताया है। ---- -- --- - 631. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 2, सूत्र 37 632. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 4, सूत्र 72 633. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 5, सूत्र 115 634. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 5, सूत्र 74 635. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 4, सूत्र 74 636. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 1, सूत्र 12 637. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 4, सूत्र 74 638. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 4, सुत्र 103 639. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 7, सूत्र 133 640. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष. 4, सूत्र 85 [ 95 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org