________________ विविधविषयनिरूपण] [109 गोयमा ! गम्भवक्कंतिय-मणुस्स-आहारयसरीरे नो समुच्छिम-मणुस्स-आहारयसरीरे। जइ गमवक्कंतिय-मणुस्स-आहारयसरीरे, कि कम्मभूमिग० अकम्मभूमिग ? गोयमा ! कम्मभूमिग, नो अकम्मभूमिग०।। जइ कम्मभूमिग०, कि संखेज्जवासाउय असंखेज्जवासाउय.? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०, नो असंखेज्जवासाउय ? जइ संखेज्जवासाउय०, कि पज्जत्तय० अपज्जत्तय? गोयमा ! पज्जत्तय०, नो अपज्जत्तय० / जइ पज्जत्तय० किं सम्मट्टिी० मिच्छदिट्टी० सम्मामिच्छदिट्ठी ? गोयमा ! सम्मट्ठिी / नो मिच्छदिट्ठी नो सम्मामिच्छविट्ठी। जइ सम्मदिट्ठी० कि संजय० असंजय० संजयासंजय० ? गोयमा ! संजय०, नो प्रसंजय० नो असंजयासंजय० / जइ संजय० कि पमत्तसंजय०, अप्पमत्तसंजय०? गोयमा ! पमत्तसंजय०, नो अपमत्तसंजय० / जइ पमत्तसंजय०, कि इडिपत्त० प्रणिडिपत्त० ? गोयमा ! इडिपत्त०, नो प्रणिडिपत्त० / वयणा वि भाणियव्वा / भगवन् ! आहारकशरीर कितने प्रकार का होता है ? गौतम ! आहारक शरीर एक ही प्रकार का कहा गया है। भगवन् ! यदि एक ही प्रकार का कहा गया है तो क्या वह मनुष्य आहारकशरीर है, अथवा अमनुष्य-आहारक शरीर है। गौतम ! मनुष्य-ग्राहारकशरीर है, अमनुष्य-प्राहारक शरीर नहीं है। भगवन् ! यदि वह मनुष्य-ग्राहारक शरीर है तो क्या वह गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-प्राहारक शरीर है, अथवा सम्मूर्छिम मनुष्य-याहारकशरीर है ? गौतम ! वह गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-प्राहारक शरीर है, सम्मूर्छिम मनुष्य-आहारक शरीर नहीं है। भगवन् ! यदि वह गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-ग्राहारक शरीर है, तो क्या वह कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-आहारकशरीर है, अथवा अकर्मभूमिज-गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-आहारकशरीर है ? गौतम ! कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-आहारकशरीर है, अकर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-आहारकशरीर नहीं है। भगवन् ! यदि कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-प्राहारकशरीर है, तो क्या वह संख्यातवर्षायुष्क कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-ग्राहारकशरीर है, अथवा असंख्यातवर्षायुष्क कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-ग्राहारक शरीर है ? गौतम ! संख्यात वर्षायुष्क कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-पाहारकशरीर है, असंख्यातवर्षायुष्क कर्मभूमिज गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य-आहारकशरीर नहीं है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org