________________ विषयानक्रम प्रथम स्थान 8 Xx r m m " अस्तित्वसूत्र प्रकीर्णक सूत्र पुद्गलसूत्र अष्टादश पाप-पद अष्टादश पापविरमणपद अवसर्पिणी-उत्सपिणीपद वर्गणा सूत्र भव्य-अभव्यसिद्धिक पद दृष्टिपद कृष्ण-शुक्लपाक्षिकपद लेश्यापद सिद्धपद पुद्गलपद जम्बूद्वीपपद महावीरनिर्वाणपद देवपद नक्षत्रपद पुद्गल द्वितीय स्थान प्रथम उद्देशक सार-संक्षेप द्विपदावतारपद क्रियापद गर्हापद प्रत्याख्यानपद विद्या-चरणपद प्रारंभ-परिग्रह-परित्यागपद श्रवण-समधिगमपद समा (कालचक्र) पद उन्मादपद दण्डपद दर्शनपद ज्ञानपद धर्मपद संयमपद जीवनिकायपद द्रव्यपद 12 (स्थावर) जीवनिकाय पद 12 द्रव्यपद जीवनिकायपद द्रव्यपद शरीरपद 18 कायपद 19 दिशाद्विक-करणीयपद द्वितीय उद्देशक वेदनापद गति-ग्रागतिपद दण्डक-मार्गणापद अधोग्रवधिज्ञान-दर्शनपद देशत:-सर्वतः श्रवणादिपद तृतीय उद्देशक 24 शरीरपद पुद्गलपद इन्द्रियविषयपद प्राचारपद प्रतिमापद सामायिकपद जन्म-मरणपद 34 गर्भस्थपद " 0/ v mr "BY m mmr Mr Acc ती . ती [ 54 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org