________________ चतुर्थ स्थान--तृतीय उद्देश ] [ 331 इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. युक्त और युक्तशोभ-कोई पुरुष युक्त और युक्तशोभा वाला होता है / 2. युक्त और अयुक्तशोभ–कोई पुरुष युक्त, किन्तु अयुक्तशोभा वाला होता है। 3. अयुक्त और युक्तशोभ-कोई पुरुष अयुक्त, किन्तु युक्तशोभा वाला होता है / 4. अयुक्त और अयुक्तशोभ-कोई पुरुष अयुक्त और अयुक्तशोभा वाला होता है (383) / ३८४-[चत्तारि गया पण्णत्ता, त जहा-जुत्ते णाममेगे जत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णता, त जहा-जुत्ते गाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुते णाममेगे जुत्ते, अजत्ते गाममेगे अजुत्ते / हाथी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे१. युक्त और युक्त-कोई हाथी युक्त होकर युक्त ही होता है। 2. युक्त और अयुक्त--कोई हाथी युक्त होकर भी प्रयुक्त होता है। 3. अयुक्त और युक्त—कोई हाथी प्रयुक्त होकर भी युक्त होता है। 4. अयुक्त और अयुक्त-कोई हाथी अयुक्त होकर अयुक्त ही होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे१. युक्त और युक्त—कोई पुरुष युक्त होकर युक्त ही होता है। 2. युक्त और अयुक्त-कोई पुरुष युक्त होकर भी प्रयुक्त होता है / 3. अयुक्त और युक्त—कोई पुरुष प्रयुक्त होकर भी युक्त होता है। 4. अयुक्त और अयुक्त -कोई पुरुष प्रयुक्त होकर प्रयुक्त हो होता है (384) / ३८५-[चत्तारि गया पण्णता, त जहा -जुत्ते णाममेगे जुतपरिणते, जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे प्रजुत्तपरिणते / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, त जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे अजत्तपरिणते / पुनः हाथी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे--- 1. युक्त और युक्त-परिणत-कोई हाथी युक्त होकर युक्त-परिणत होता है / 2. युक्त और अयुक्त-परिणत -कोई हाथी युक्त होकर भी अयुक्त-परिणत होता है / 3. अयुक्त और युक्त-परिणत—कोई हाथी प्रयुक्त होकर भी युक्त-परिणत होता है। 4. अयुक्त और अयुक्त-परिणत-कोई हाथी प्रयुक्त होकर भी युक्त-परिणत होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे१. युक्त और युक्त-परिणत-कोई पुरुष युक्त होकर युक्त-परिणत होता है / 2. युक्त और अयुक्त-परिणत---कोई पुरुष युक्त होकर भी अयुक्त-परिणत होता है। 3. अयुक्त और युक्त-परिणत-कोई पुरुष प्रयुक्त होकर भी युक्त-परिणत होता है। 4. अयुक्त और अयुक्त-परिणत-कोई पुरुष प्रयुक्त होकर अयुक्त-परिणत होता है (385) / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org