________________ 324] [ स्थानाङ्गसूत्र 2. युक्त और अयुक्त—कोई यान युक्त (बैल आदि से संयुक्त) होने पर भी प्रयुक्त (वस्त्रादि से सुसज्जित नहीं) होता है। 3. अयुक्त और युक्त-कोई यान अयुक्त (बैल आदि से असंयुक्त) होने पर भी युक्त (वस्त्रादि से सुसज्जित) होता है / 4. अयुक्त और अयुक्त-कोई यान न बैल आदि से ही संयुक्त होता है और न वस्त्रादि से ही सुसज्जित होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं / जैसे-- . 1. युक्त और युक्त-कोई पुरुष धनादि से संयुक्त और योग्य आचार आदि से, तथा योग्य वेष-भूषा से भी संयुक्त होता है। 2. युक्त और अयुक्त-कोई पुरुष धनादि से संयुक्त होने पर भी योग्य आचार और योग्य वेष-भूषादि से युक्त नहीं होता है। 3. अयुक्त और युक्त-कोई पुरुष धनादि से संयुक्त नहीं होने पर भी योग्य प्राचार और योग्य वेष-भूषादि से संयुक्त होता है। 4. अयुक्त और अयुक्त-कोई पुरुष न धनादि से ही युक्त होता है और न योग्य प्राचार और __ वेष-भूषादि से ही युक्त होता है (371) / / ३७२--चत्तारि जाणा पण्णता, त जहा--जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, जुत्ते णाममेगे अजुत्त. परिणते, अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे प्रजुत्तपरिणते / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, त जहा---जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, प्रजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते। पुनः यान चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. युक्त और युक्त-परिणत-कोई यान युक्त (बैल आदि से संयुक्त) और युक्त-परिणत (पहले योग्य सामग्री से युक्त न होने पर भी) बाद में सामग्री के भाव से परिणत हो जाता है। 2. युक्त और अयुक्त-परिणत-कोई यान बैल आदि से युक्त होने पर भी प्रयुक्त-परिणत होता है। 3. अयुक्त और युक्त-परिणत--कोई यान वैल आदि से अयुक्त होने पर भी युक्त-परिणत होता है। 4. अयुक्त और अयुक्त-परिणत-कोई यान न तो बैल आदि से युक्त ही होता है और न युक्त-परिणत ही होता है / इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे१. युक्त और युक्त-परिणत--कोई पुरुष सत्कार्य से युक्त और युक्त-परिणत होता है / 2. युक्त और अयुक्त-परिणत-कोई पुरुष सत्कार्य से युक्त होकर भी अयुक्त-परिणत होता है। 3. अयुक्त और युक्त-परिणत---कोई पुरुष सत्कार्य से युक्त न होने पर भी युक्त-परिणत जैसा होता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org