________________ एकादश अध्ययन : प्राथमिक 327 4. राग, 5. गृद्धि, 6. मोह ओर 7. मूर्छा; / इन सातों से दूर रहने का निर्देश होने मे (शब्द सप्तक) नाम सार्थक है।' + भाषावर्गणा के पुद्गल द्रव्य जब शब्द रूप में परिणत होते हैं, तो वे नो आगमतः द्रव्य शब्द कहलाते हैं। शब्द अर्थ के में जो उपयुक्त है-उपयोग वाला है वह आगम से भाव शब्द है / नो आगम से भाव शब्द आगम के पन्नों पर अंकित अहिंसादि तत्त्वों के वर्णन रूप हैं, या जिनदेवों की स्तुति रूप स्तोत्र हैं। * द्रव्य शब्द के तीन भेद हैं---१. जीव शब्द, 2. अजीव शब्द और 3. मिश्र शब्द / इसके फिर सार्थक-निरर्थक आदि अनेक भेद हैं। 2- इस अध्ययन में शब्द-श्रवण के साथ राग-द्वेषादि से दूर रहकर समत्व एवं माध्यस्थ्य में लीन रहने की प्रेरणा दो गई है। 1. (क) आचारांग वृत्ति पत्रांक 441 (ख) जैन साहित्य का बुहत् इतिहास (अंगों का अंतरंग परिचय) पृ० 112 2. आचारांग वृत्ति पत्रांक 411 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org