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श्रुतनिरूपण
से तं कीडयं ।
[४३ प्र.] भगवन् ! कीटजसूत्र किसे कहते हैं ?
[४३ उ.] आयुष्मन् ! कीटजसूत्र पांच प्रकार का है—१. पट्ट, २. मलय, ३. अंशुक, ४. चीनांशुक, ५. कृमिराग।
४४. से किं तं बालयं ?
बालयं पंचविहं पण्णत्तं । तं जहा—उण्णिए १ उट्टिए २ मियलोमिए ३ कुतवे ४ किट्टिसे ५ । से तं बालय।
[४४ प्र.] भगवन् ! वालज सूत्र का क्या स्वरूप है ?
[४४ उ.] आयुष्मन् ! वालज सूत्र के पांच प्रकार हैं—१. औणिक, २. औष्ट्रिक, ३. मृगलोमिक, ४. कौतव, ५. किट्टिस।
४५. से किं तं वक्कयं?
वक्कयं सणमाई । से तं वक्कयं । से तं जाणगसरीरभवियसरीरवतिरित्तं दव्वसुयं । से तं नोआगमतो दव्वसुयं । से तं दव्वसुयं ।।
[४५ प्र.] भगवन् ! बल्कज किसे कहते हैं ? [४५ उ.] आयुष्मन् ! सन आदि से निर्मित सूत्र को कहते हैं।
इस प्रकार यह ज्ञायकशरीर-भव्यशरीरव्यतिरिक्त द्रव्यश्रुत का वर्णन है और इसके साथ ही नोआगमद्रव्यश्रुत एवं सप्रभेद द्रव्यश्रुत का निरूपण समाप्त हुआ।
विवेचन— यहां सुय का अर्थ सूत्र (सूत) भी होने की अपेक्षा उभयव्यतिरिक्तद्रव्यश्रुत का वर्णन करने के साथ नोआगमद्रव्यश्रुत एवं समग्र द्रव्यश्रुत के निरूपण की पूर्णता का संकेत किया है।
कारण में कार्य का उपचार अंडज आदि नामों का हेतु है। अतएव जिस वस्तु से और जिस क्षेत्रविशेष में जो सूत्र बना, उसको उस नाम से कहा है। अंडज आदि की व्याख्या
अंडज के रूप में हंसगर्भ का उल्लेख किया गया है। हंस, ८ ॥ जातीय एक चतुरिन्द्रिय जीव है, जिसे कोशा भी कहते हैं। वह अपनी लार से एक थैली (कोशिका, कुशेरा) बनाकर उसी में बंद हो जाता है। उससे उत्पन्न सूत्र का नाम अंडज है।
बोंड अर्थात् कपास का कोश और उस कपास से बने सूत को बोंडज कहते हैं। अथवा बोंड अर्थात् वमनीफल-रुई से या सेमल की रुई से बने सूत्र का नाम बोंडज है। ___कीट— चतुरिन्द्रिय जीवविशेष की लार से उत्पन्न सूत्र को कीटज कहते हैं। पट्ट आदि पांचों भेद कीटजन्य होने से कीटज हैं।
पट्टसूत्र की उत्पत्ति के विषय में ऐसा माना जाता है कि जंगल में सघन लताच्छादित स्थानों में मांसपुंज