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अनुयोगद्वारसूत्र
[३८३-१ प्र.] भगवन् ! नैरयिक जीवों की स्थिति (आयु) कितने काल की कही गई है ?
[ ३८३ - १ उ.] गौतम ! सामान्य रूप में (नारक जीवों की स्थिति) जघन्य दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट तेतीस सागरोपम की कही है।
विवेचन — सूत्र में सामान्य रूप में नैरयिक जीवों की स्थिति बताई है किन्तु रत्नप्रभा आदि नाम वाली नरकपृथ्वियां सात हैं। अत: अब पृथक्-पृथक् पृथ्वी के नारकों की स्थिति का निरूपण करते हैं।
(२) रयणप्पभापुढविणेरइयाणं भंते ! केवतियं कालं ठिती पं० ? गो० ! जहन्नेणं दसवाससहस्साइं उक्कोसेणं एक्कं सागरोवमं, अपज्जत्तगरयणप्पभापुढविणेरड्याणं भंते ! केवतिकालं ठिती पं० ?
गो० ! जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तं उक्को० अंतो०, पज्जत्तग जाव जह० दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सागरोवमं अंतोमुहुत्तूणं ।
[३८३-२ प्र.] भगवन् ! रत्नप्रभापृथ्वी के नारकों की स्थिति कितने काल की प्रतिपादन की गई है ? [३८३-२ उ.] गौतम ! जघन्य दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट एक सागरोपम की होती है। [प्र.] भगवन् ! रत्नप्रभापृथ्वी के अपर्याप्तक नारकों की स्थिति कितने काल की है ?
[उ.] गौतम ! इनकी जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त प्रमाण और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की होती है ।
[प्र.] भगवन् ! रत्नप्रभापृथ्वी के पर्याप्तक नारकों की स्थिति कितने काल की कही है ? [उ.] गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त न्यून दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त न्यून एक सागरोपम की
होती है।
(३) सक्करपभापुढविणेरइयाणं भंते ! केवतिकालं ठिती पं० ? गो० ! जहन्नेणं सागरोवमं उक्कोसेणं तिणि सागरोवमाई ।
[३८३-३ प्र.] भगवन् ! शर्कराप्रभापृथ्वी के नारकों की स्थिति कितनी है ?
[ ३८३-३ उ.] गौतम ! (सामान्य रूप में) शर्कराप्रभापृथ्वी के नारकों की जघन्य स्थिति एक सागरोपम और तीन सागरोपम प्रमाण कही गई है।
उत्कृष्ट
(४) एवं सेसपहासु वि पुच्छा भाणियव्वा – वालुयपभापुढविणेरइयाणं जह० तिण्णि सागरोवमाइं, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाइं ।
पंकपभापुढविनेरइयाणं जह० सत्त सागरोवमाई, उक्कोसेणं दस सागरोवमाई ।
धूमप्पभापुढविनेरइयाणं जह० दस सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई । तमपुढविनेरइयाणं भंते ! केवतिकालं ठिती पन्नत्ता ?
गो० ! जहनेणं सत्तरस सागरोवमाई, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई । तमतमापुढविनेरइयाणं भंते ! केवतिकालं ठिती पन्नत्ता ?
गो० ! जहन्त्रेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ।
[३८३-४] इसी प्रकार के प्रश्न शेष पृथ्वियों के विषय में भी पूछना चाहिए। जिनके उत्तर क्रमश: इस