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________________ ज्ञान के पांच प्रकार ] आदि । [ ६७ (८) स्त्रीलिंगसिद्ध सूत्रकार ने स्त्रीत्व के तीन भेद बताये हैं, यथा- - (९) वेद से (२) निर्वृत्ति से और (३) वेष से । वेद के उदय से और वेष से मोक्ष संभव नहीं है, केवल शरीरनिर्वृत्ति से ही सिद्ध होना स्वीकार किया गया है । जो स्त्री के शरीर में रहते हुए मुक्त हो गये हैं, वे स्त्रीलिंगसिद्ध हैं । (९) पुरुषलिंगसिद्ध—– पुरुष की आकृति में रहते हुए मोक्ष प्राप्त करने वाले पुरुषलिंग सिद्ध कहलाते हैं । ( १० ) नपुंसकलिंगसिद्ध – नपुंसक दो तरह के होते हैं । (१) स्त्री - नपुंसक (२) पुरुषनपुंसक। जो पुरुषनपुंसक सिद्ध होते हैं, वे नपुंसकलिंगसिद्ध कहलाते हैं । (११) स्वलिंगसिद्ध श्रमण का वेष, रजोहरण, मुखवस्त्रिका आदि को धारण करके सिद्ध होता है, उसे स्वलिंगसिद्ध कहते हैं । (१२) अन्यलिंगसिद्ध— जो साधुवेष के धारक नहीं हैं किन्तु क्रिया जिनागमानुसार करके सिद्ध होते हैं वे अन्यलिंगसिद्ध कहलाते हैं । (१३) गृहस्थलिंगसिद्ध गृहस्थ वेष में मोक्ष प्राप्त करनेवाले, जैसे मरुदेवी माता । (१४) एकसिद्ध— एक समय में एक-एक सिद्ध होने वाले एकसिद्ध कहलाते हैं । (१५) अनेकसिद्ध – एक समय में दो से लेकर उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होने वाले अनेकसिद्ध कहे जाते हैं । इन सबका केवलज्ञान अनन्तरसिद्धकेवलज्ञान है । . इस प्रकार अनन्तरसिद्ध केवल ज्ञान का वर्णन समाप्त हुआ । परम्परसिद्ध केवलज्ञान ४३ – से किं तं परम्परसिद्ध-केवलनाणं ? परम्परसिद्ध- केवलनाणं अणेगविहं पण्णत्तं तं जहा— अपढमसमय-सिद्धा, दुसमयसिद्धा, तिसमयसिद्धा, चउसमयसिद्धा, जाव दससमयसिद्धा, संखिज्जसमयसिद्धा, असंखिज्जसमयसिद्धा, अणंतसमयसिद्धा । से त्तं परम्परसिद्ध-केवलनाणं, से त्तं सिद्ध केवलनाणं । तं समासओ चडव्विहं पण्णत्तं तं जहा— दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ 1 तत्थ दव्वओ णं केवलनाणी सव्वदव्वाइं जाणइ, पासइ । खित्तओ णं केवलनाणी सव्वं खित्तं जाणइ, पासइ । कालओ णं केवलनाणी सव्वं कालं जाणइ, पासइ । भावओ णं केवलनाणी सव्वे भावे जाणइ, पासइ । प्रश्न – वह परम्परसिद्ध-केवलज्ञान कितने प्रकार का है?
SR No.003467
Book TitleAgam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorMadhukarmuni, Kamla Jain, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_nandisutra
File Size17 MB
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