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बारहवाँ अध्ययन : हरिकेशीय
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[४३] (रुद्रदेव-) हे भिक्षु ! तुम्हारी ज्योति (अग्नि) कौन-सी है? तुम्हारा ज्योति-स्थान कौनसा है? तुम्हारी (घी आदि की आहुति डालने की) कुड़छियाँ कौन-सी हैं? (अग्नि को उद्दीप्त करने वाले) तुम्हारे करीषांग (कण्डे) कौन-से हैं? (अग्नि को जलाने वाले) तुम्हारे इन्धन क्या हैं? एवं शान्तिपाठ कौन-से हैं? तथा किस होम (हवनविधि) से आप ज्योति को (आहुति द्वारा ) तृप्त (हुत) करते हैं?
४४. तवो जोई जीवो जोइठाणं जोगा सुया सरीरं कारिसंग।
कम्म एहा संजमजोग सन्ती होमं हुणामी इसिणं पसत्थं ॥ [४४] (मुनि-)(बाह्याभ्यन्तरभेद वाली) तपश्चर्या ज्योति है, जीव (आत्मा) ज्योतिस्थान (अग्निकुण्ड) है, योग (मन, वचन और काय की शुभप्रवृत्तियाँ (घी आदि डालने की) कुड़छियाँ हैं; शरीर (शरीर के अवयव) अग्नि प्रदीप्त करने के कण्डे हैं; कर्म इन्धन हैं, संयम के योग (प्रवृत्तियाँ) शान्तिपाठ हैं। ऐसा ऋषियों के लिए प्रशस्त जीवोपघातरहित (होने से विवेकी मुनियों द्वारा प्रशंसित) होम (होमप्रधान-यज्ञ) मैं करता हूँ। . ४५. के ते हरए? के य ते सन्तितित्थे? कहिंसि बहाओ व रयं जहासि?
आइक्ख णे संजय! जक्खपूइया ! इच्छामो नाउं भवओ सगासे॥ [४५] (रुद्रदेव-) हे यक्षपूजित संयत ! आप हमें यह बताइए कि आपका हृद (-जलाशय) कौन-सा है? आपका शान्तितीर्थ कौन-सा है? आप कहाँ स्नान करके रज (कर्मरज) को झाड़ते (दूर करते) हैं? हम आपसे जानना चाहते हैं।
४६. धम्मे हरए बंभे सन्तितित्थे अणाविले अत्तपसन्नलेसे।
जहिंसि हाओ विमलो विसुद्धो सुसीइभूओ पजहामि दोसं॥ [४६] (मुनि-) अनाविल (-अकलुषित) और आत्मा की प्रसन्न-लेश्या वाला धर्म मेरा ह्रदजलाशय है, ब्रह्मचर्य मेरा शान्तितीर्थ है; जहाँ स्नान कर मैं विमल, विशुद्ध और सुशान्त (सुशीतल) हो कर कर्मरूप दोष को दूर करता हूँ।
४७. एवं सिणाणं कुसलेहि दिह्र महासिणाणं इसिणं पसत्थं। जहिंसि ण्हाया विमला विसुद्धा महारिसी उत्तम ठाण पत्ते॥
-त्ति बेमि॥ [४७] इसी (उपर्युक्त) स्नान का कुशल (तत्त्वज्ञ) पुरुषों ने उपदेश दिया (बताया) है। ऋषियों के लिए यह महास्नान ही प्रशस्त (प्रशंसनीय) है। जिस धर्महद में स्नान करके विमल और विशुद्ध हुए महर्षि उत्तम स्थान को प्राप्त हुए हैं।
- ऐसा मैं कहता हूँ। विवेचन-सोहि-शुद्धि-शोधि का अर्थ है-निर्मलता। वह दो प्रकार की है-द्रव्यशुद्धि और भावशुद्धि। पानी से मलिन वस्त्र आदि धोना द्रव्यशुद्धि है तथा तप, संयम आदि के द्वारा अष्टविध कर्ममल को धोना