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________________ जीवन रेखा / १० ११. अध्यक्ष- आनन्द आध्यात्मिक शिक्षण संघ ट्रस्ट, सिकन्दराबाद १२. अध्यक्ष - जैन श्रीसंघ, बोलारम उल्लिखित तालिका से स्पष्ट है कि आपने आन्ध्रप्रदेश में अपनी उच्चतर योग्यता, सेवा और शिक्षा के कारण विशिष्ट प्रतिष्ठा प्राप्त की है। किन्तु आपके व्यक्तित्व की पूरी विशिष्टता इतने मात्र से नहीं जानी जा सकती। आपके सार्वजनिक क्रियाकलाप बहुत विस्तृत हैं। यही कारण है कि शासन और प्रजाजन दोनों ही आपकी योग्यता से लाभ उठाते रहते हैं। आप अनेक शासकीय सलाहकार समितियों में मनोनीत किये जाते हैं, यथालेबर एडवाइजरी बोर्ड, जोनल रेलवे, पोस्ट एण्ड टेलीग्राफ मिनिमम वेजेज़ बोर्ड तथा इंडस्ट्रीज एडवाइजरी बॉडी आदि । इन सब के अतिरिक्त आप अनेक अस्पताओं, स्काउट प्रवृत्ति तथा रोटरी क्लब आदि से जुड़े हुए हैं। भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय आन्ध्रप्रदेशीय डिफेन्स कमेटी की, जो गवर्नमेण्ट बॉडी थी, कार्यकारिणी समिति के मनोनीत सदस्य रह चुके हैं। स्पष्ट है कि आप जैन- जैनतर समाज में ही नहीं, शासकीय वर्तुलों में भी समान रूप से सम्मान्य हैं। सुराणा जी भरे-पूरे परिवार के भी धनी हैं। भाई बहिन और पुत्रों और पुत्रियों से समृद्ध हैं। प्रस्तुत आगम के प्रकाशन में आपकी ओर से प्राप्त विशिष्ट आर्थिक सहयोग के लिए समिति आपकी आभारी है। - (प्रथम संस्करण से ) - मंत्री 00
SR No.003466
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Principle, & agam_uttaradhyayan
File Size16 MB
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