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जीवन रेखा /९
उत्तराध्ययनसूत्र-प्रथम संस्करण के प्रकाशन में विशिष्ट अर्थ सहयोगी
श्रीमान् सेठ मांगीलाल जी सुराणा
राजस्थान के जैन बन्धु भारतवर्ष के विभिन्न अंचलों में जाकर बसे हैं और जो जहाँ बसा है वहाँ उसने केवल व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रगति ही नहीं की है, किन्तु वहाँ की सामाजिक प्रवृत्तियों में, शैक्षणिक क्षेत्र में और धर्मसेवा के विविध क्षेत्रों में भी महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।
__यहाँ जिनकी जीवनरेखा अंकित की जा रही है, वे श्री मांगीलाल जी सा.सुराणा, दिवंगत धर्मप्रेमी, समाजसेवी, वात्सल्यमूर्ति सेठ गुलाबचन्द जी सा. के सुपुत्र और मातुश्री पतास बाई के आत्मज हैं, जिन्होंने अपने पिताजी की परम्पराओं को केवल अक्षुण्ण ही नहीं रक्खा है, अपितु खूब समृद्ध भी किया है। आप सिकन्दराबाद (आन्ध्र) के सुराणा-उद्योग के स्वामी हैं।
___आपका जन्म नागौर जिले के कुचेरा ग्राम में दिनाङ्क ८ नवम्बर सन् १९३० को हुआ था। उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से आप वाणिज्य विषय में स्नातक हुए और फिर विधिस्नातक (LL.b.) की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा प्राप्त करके आप अपने पैतृक व्यवसाय में लगे किन्तु आपका व्यक्तित्व उसी परिधि में नहीं सिमटा रहा। व्यवसाय के साथ विभिन्न संस्थाओं के साथ आपका सम्पर्क हुआ, उनकी सेवा में उल्लेखनीय योग दिया, उनका संचालन किया और आज तक वह क्रम लगातार चालू है।
___ आपके सार्वजनिक कार्यों की सूची विशाल है। जिन संस्थाओं के माध्यम से आप समाज की, धर्म की और देश की सेवा कर रहे हैं, उनकी सूची से ही आपके बहुमुखी कार्यकलापों का परिचय प्राप्त किया जा सकता है। आप निम्नलिखित संस्थाओं से सम्बद्ध हैं, या रहे हैं
१. अध्यक्ष- श्री जैन सेवासंघ, बोलारम २. प्रबन्धकारिणी सभा के सदस्य - अ. भारतीय स्था. जैन कॉन्फरेंस ३. भूतपूर्व अध्यक्ष- फैडरेशन ऑफ ए.पी. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ४. डाइरेक्टर- ए.पी. स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ५. डाइरेक्टर- इण्डियन ओवरसीज बैंक, मद्रास ६. अध्यक्ष- साधना-मन्दिर एज्यूकेशन सोसाइटी (जो हिन्दी माध्यम से हाई स्कूल चलाती है) ७. अध्यक्ष- हिन्दीप्रचार सभा, बोलारम ८. अध्यक्ष- फ्रेण्ड एमेच्योर आर्टिस्ट एसोसिएशन, हैदराबाद ९. ऑनरेरी जनरल सेक्रेटरी- अखिल भारतीय निर्माता संघ, ए.पी. बोर्ड, (लगातार छह वर्षों तक) १०. अध्यक्ष- नेच्यूर म्यूर कॉलेज, हैदराबाद