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________________ ४०४ ४०५ ४०६ ४०८ ४११ ४१६ ४२० ४२४ आठवां उद्देशक शयनस्थान के ग्रहण की विधि शय्या-संस्तारक के लाने की विधि एकाकी स्थविर के भण्डोपकरण और गोचरी जाने की विधि शय्या-संस्तारक के लिये पुनः आज्ञा लेने का विधान ४०७ शय्या-संस्तारक ग्रहण करने की विधि पतित या विस्मृत उपकरण की एषणा ४०९ अतिरिक्त पात्र लाने का विधान आहार की ऊनोदरी का परिमाण ४१२ आठवें उद्देशक का सारांश नवम उद्देशक शय्यातर के पाहुणे, नौकर एवं ज्ञातिजन के निमित्त से बने आहार के लेने का विधि-निषेध ४१७ शय्यातर के भागीदारी वाली विक्रयशालाओं से आहार लाने का विधि-निषेध सप्तसप्ततिका आदि भिक्षु-प्रतिमाएं मोक-प्रतिमा-विधान ४२५ दत्ति-प्रमाण निरूपण ४२८ तीन प्रकार का आहार ४२९ अवगृहीत आहार के प्रकार ४३० नवम उद्देशक का सारांश दसवां उद्देशक दो प्रकार की चन्द्रप्रतिमाएं पांच प्रकार के व्यवहार ४४० विविध प्रकार से गण की वैयावृत्य करने वाले ४४३ धर्मदृढता की चौभंगियां आचार्य एवं शिष्यों के प्रकार स्थविर के प्रकार बड़ीदीक्षा देने का कालप्रमाण बालक-बालिका को बड़ीदीक्षा देने का विधि-निषेध बालक को आचारप्रकल्प के अध्ययन कराने का निषेध दीक्षा पर्याय के साथ आगमों का अध्ययनक्रम वैयावृत्य के प्रकार एवं महानिर्जरा दसवें उद्देशक का सारांश ४५७ उपसंहार ४33 ४४८ ४५४ ४५५ ४५८
SR No.003463
Book TitleTrini Chedsutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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