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________________ सातवां उद्देशक] [३९९ परिष्ठापन संबंधी अन्य जानकारी बृहत्कल्प उद्दे. ४ में देखें एवं विस्तृत जानकारी के लिए भाष्य का अवलोकन करें। परिहरणीय शय्यातर का निर्णय २१. सागारिए उवस्सयं वक्कएणं पउंजेज्जा से य वक्कइयं वएज्जा'इमम्मिय इमम्मि य ओवासे समणा णिग्गंथा परिवसंति'। से सागारिए पारिहारिए। से य नो वएजा वक्कइए वएज्जा, से सागारिए पारिहारिए। दो वि ते वएज्जा, दो वि सागारिया पारिहारिया। २२. सागारिए उवस्सयं विक्किणेज्जा, से य कइयं वएज्जा'इमम्मि य इमम्मि य ओवासे समणा निग्गंथा परिवति', से सागारिए पारिहारिए। से य नो वएज्जा, कइए वएज्जा, से सागारिए पारिहारिए। दो वि ते वएज्जा, दो वि सागारिया पारिहारिया। २१. शय्यादाता यदि उपाश्रय किराये पर दे और किराये पर लेने वाले को यह कहे कि'इतने-इतने स्थान में श्रमण निर्ग्रन्थ रह रहे हैं।' इस प्रकार कहने वाला गृहस्वामी सागारिक (शय्यातर) है, अतः उसके घर आहारादि लेना नहीं कल्पता है। यदि शय्यातर कुछ न कहे, किन्तु किराये पर लेने वाला कहे तो-वह शय्यातर है, अतः परिहार्य है। यदि किराये पर देने वाला और लेने वाला दोनों कहें तो दोनों शय्यातर हैं, अतः दोनों परिहार्य २२. शय्यातर यदि उपाश्रय बेचे और खरीदने वाले को यह कहे कि -'इतने-इतने स्थान में श्रमण निर्ग्रन्थ रहते हैं, तो वह शय्यातर है। अतः वह परिहार्य है। यदि उपाश्रय का विक्रेता कुछ न कहे, किन्तु खरीदने वाला कहे तो वह सागारिक है, अतः वह परिहार्य है। यदि विक्रेता और क्रेता दोनों कहें तो दोनों सागारिक हैं, अतः दोनों परिहार्य हैं। __ विवेचन-भिक्षु जिस मकान में ठहरा हुआ है, उसका मालिक उसे किराये पर देवे या उसे बेच दे तो ऐसी स्थिति में भिक्षु का शय्यातर कौन रहता है, यह प्रस्तुत सूत्र में स्पष्ट किया गया है। यदि खरीदने वाला या किराये पर लेने वाला व्यक्ति भिक्षु को अपने मकान में प्रसन्नतापूर्वक ठहरने की आज्ञा देता हो तो वह शय्यातर कहा जाता है। यदि वह भिक्षु को ठहराने में उपेक्षा भाव रखता है एवं आज्ञा भी नहीं देता है, किन्तु मकान का पूर्व मालिक ही उसे भिक्षु के रहने का स्पष्टीकरण कर
SR No.003463
Book TitleTrini Chedsutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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