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________________ सातवीं दशा] जल हो या स्थल हो, दुर्गमस्थान हो या निम्नस्थान हो, पर्वत हो या विषमस्थान हो, गर्त हो या गुफा हो, तो भी उसे पूरी रात वहीं रहना कल्पता है, किन्तु एक कदम भी आगे बढ़ना नहीं कल्पता है। रात्रि समाप्त होने पर प्रातःकाल में यावत् जाज्वल्यमान सूर्योदय होने पर पूर्व, दक्षिण, पश्चिम या उत्तर दिशा की ओर अभिमुख होकर उसे ईर्यासमितिपूर्वक गमन करना कल्पता है। सचित्त पृथ्वी के निकट निद्रा लेने का निषेध मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स णो से कप्पइ अणंतरहियाए पुढवीए निदाइत्तए वा, पलयाइत्तए वा। केवली बूया-'आयाणमेयं'। से तत्थ निद्दायमाणे वा, पयलायमाणे वा हत्थेहिं भूमिं परामुसेजा।[ तम्हा ]अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए। ___ एकमासिकी भिक्षुप्रतिमाधारी अनगार सूर्यास्त हो जाने के कारण यदि सचित्त पृथ्वी के निकट ठहरा हो तो उसे वहां निद्रा लेना या ऊँघना नहीं कल्पता है। केवली भगवान् ने कहा है-'यह कर्मबन्ध का कारण है।' क्योंकि वहां पर नींद लेता हुआ या ऊँघता हुआ वह अपने हाथ आदि से सचित्त पृथ्वी का स्पर्श करेगा, जिससे पृथ्वीकाय के जीवों की हिंसा होगी। अतः उसे सावधनीपूर्वक वहां स्थिर रहना या कायोत्सर्ग करना कल्पता है। मलावरोध का निषेध उच्चारपासवणेणं उब्बाहिजा, नो से कप्पति उगिण्हित्तए वा, णिगिण्हित्तए वा। कप्पति से पुव्वपडिलेहिए थंडिले उच्चार-पासवणं परिठ्ठावित्तए, तमेव उवस्सयं आगम्म अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए। यदि वहां उसे मल-मूत्र की बाधा हो जाए तो धारण करना या रोकना नहीं कल्पता है। किन्तु पूर्वप्रतिलेखित भूमि पर मल-मूत्र का त्याग करना कल्पता है और पुनः उसी स्थान पर आकर सावधानी पूर्वक स्थिर रहना या कायोत्सर्ग करना कल्पता है। सचित्त रजयुक्त शरीर से गोचरी जाने का निषेध मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवन्नस्स अणगारस्स नो कप्पति ससरक्खणं काएणं गाहावइकुलं भत्ताए वा, पाणाए वा निक्खमित्तए वा, पविसित्तए वा। अह पुण एवं जाणेज्जा ससरक्खे सेयत्ताए वा, जल्लत्ताए वा, मल्लत्ताए वा, पंकत्ताए वापरिणते, एवं से कप्पति गाहावइकुलं भत्ताए वा, पाणाए वा निक्खमित्तए वा, पविसित्तए वा।
SR No.003463
Book TitleTrini Chedsutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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