SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 57
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुक्रमणिका प्रथम वक्षस्कार शीर्षक १. सन्दर्भ Gm F & w4 o २. जम्बूद्वीप की अवस्थिति ३. जम्बूद्वीप की जगती : प्राचीर ४. वन-खण्ड : भूमिभाग ५. जम्बूद्वीप के द्वार ६. जम्बूद्वीप में भरतक्षेत्र का स्थान : स्वरूप ७. जम्बूद्वीप में दक्षिणार्ध भरत का स्थान : स्वरूप ८. वैताढ्य पर्वत ९. सिद्धायतनकूट १०. दक्षिणार्ध भरतकूट ११. जम्बूद्वीप में उत्तरार्ध भरत का स्थान : स्वरूप १२. ऋषभकुट द्वितीय वक्षस्कार १. भरतक्षेत्र : काल वर्णन २. काल का विवेचन : विस्तार ३. अवसर्पिणी : सुषमसुषमा ४. द्रुमगण ५. मनुष्यों का आकार-स्वरूप ६. मनुष्यों का आहार ७. मनुष्यों का आवास : जीवन-चर्या ८. मनुष्यों की आयु ९. अवसर्पिणी : सुषमा आरक १०. अवसर्पिणी : सुषमादुःषमा ११. कुलकर - व्यवस्था १२. प्रथम तीर्थंकर भगवान् ऋषभ : गृहवास : प्रव्रज्या १३. साधना : कैवल्य : संघसंपदा १४. परिनिर्वाण : देवकृतमहामहिमा : महोत्सव १५. अवसर्पिणी : दुःषमासुषमा ६६.६६g [५४]
SR No.003460
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_jambudwipapragnapti
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy