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गोयमा ! तिण्णि छलुत्तरा णिहिरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता । वइआ णिहिरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? 'गोयमा ! जहण्णपए छत्तीसं उक्कोसए दोणि सत्तरा णिहिरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ।
जम्बुवेदी
[जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
जम्बुद्दीवे णं भंते! दीवे केवइआ पंचिंदिअरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! दो दसुत्तरा पंचिंदिअरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता ।
जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे जहण्णपदे वा उक्कोसपदे वा केवइआ पंचिंदिअरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ?
गोयमा ! जहण्णपए अट्ठावीसं उक्कोसपए दोण्णि दसुत्तरा पंचिंदिअरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ।
जम्बुद्दीवे णं भंते! दीवे केवइआ एगिंदिअरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! दो दसुत्तरा एगिंदिअरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता ।
जम्बुद्दीवे णं भंते! दीवे केवइआ एगिंदिअरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छन्ति ? गोयमा ! जहण्णपए अट्ठावीसं उक्कोसपए दोण्णि दसुत्तरा एगिंदिअरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छन्ति ।
[२०८] भगवन् ! जम्बूद्वीप में जघन्य - कम से कम तथा उत्कृष्ट - अधिक से अधिक समग्रतया कितने तीर्थंकर होते हैं ?
गौतम ! कम से कम चार तथा अधिक से अधिक चौतीस तीर्थंकर होते हैं।
भगवन् ! जम्बूद्वीप में कम से कम तथा अधिक से अधिक कितने चक्रवर्ती होते हैं ? कम चार तथा अधिक से अधिक तीस चक्रवर्ती होते हैं ।
गौतम ! कम
जितने चक्रवर्ती होते हैं, उतने ही बलदेव होते हैं, वासुदेव भी उतने ही होते हैं।
भगवन् ! जम्बूद्वीप में निधि - रत्न - उत्कृष्ट निधान कितने होते हैं ?
गौतम ! जम्बूद्वीप में निधि - रत्न ३०६ होते हैं।
भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने सौ निधि - रत्न यथाशीघ्र परिभोग-उपयोग में आते हैं ?
गौतम ! कम से कम ३६ तथा अधिक से अधिक २७० निधि - रत्न यथाशीघ्र परिभोग-उपयोग में
आते हैं।
भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने सौ पंचेन्द्रिय- रत्न होते हैं ?
गौतम ! जम्बूद्वीप में पञ्चेन्द्रिय-रत्न ३०६ होते हैं।
भगवन् ! जम्बूद्वीप में कम से कम और अधिक से अधिक कितने पञ्चेन्द्रिय-रत्न यथाशीघ्र परिभोग
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