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विषयानुक्रमणिका
तेईसवाँ कर्मप्रकृतिपद
प्राथमिक
प्रथम उद्देशक प्रथम उद्देशक में प्रतिपाद्य विषयों की संग्रहणी काथा प्रथम : कतिप्रकृतिद्वार द्वितीय : कह बंधतिद्वार तृतीय : कतिस्थानबंधद्वार चतुर्थ : कतिप्रकृति वेदनद्वार पंचम : कतिविध अनुभवद्वार
द्वितीय उद्देशक मूल और उत्तर प्रकृतियों के भेद-प्रभेदों की प्ररूपणा एकेन्द्रिय जीवों में ज्ञानावरणीयादि कर्मों की बंधस्थिति की प्ररूपणा द्वीन्द्रिय जीवों में ज्ञानावरणीयादि कर्मों की बंधस्थिति की प्ररूपणा त्रीन्द्रिय जीवों में ज्ञानावरणीयादि कर्मों की बंधस्थिति की प्ररूपणा चतुरिन्द्रिय जीवों में ज्ञानावरणीयादि कर्मों की बंधस्थिति की प्ररूपणा असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों में ज्ञानावरणीयादि कर्मों की बंधस्थिति की प्ररूपणा संज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों में ज्ञानावरणीयादि कर्मों की बंधस्थिति की प्ररूपणा कर्मों के जघन्य स्थितिबन्धकों की प्ररूपणा कर्मों की उत्कृष्ट स्थिति के बन्धकों की प्ररूपणा
चौवीसवाँ कर्मबन्ध पद ज्ञानावरणीय कर्मबन्ध के समय अन्य कर्मप्रकृतियों के बंध की प्ररूपणा दर्शनावरणीय कर्मबंध के समय अन्य कर्मप्रकृतियों के बंध की प्ररूपणा वेदनीय कर्मबंध के समय अन्य कर्मप्रकृतियों के बंध की प्ररूपणा मोहनीय आदि कर्मबंध के समय अन्य कर्मप्रकृतियों के बंध की प्ररूपणा
पच्चीसवां कर्मबंध-वेदपद ज्ञानावरणीयादि कर्मबंध के समय कर्मप्रकृति का निरूपण