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५४८॥
[प्रज्ञापनासूत्र
कजति? जस्स आहिगरणिया किरिया कजति तस्स काइया किरिया कजति ?
गोयमा ! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कजति तस्स आहिगरणी णियमा कजति, जस्स आहिगरणी किरिया कजति तस्स वि काइया किरिया णियमा कज्जति। ____ [१६०७ प्र.] भगवन् ! जिस जीव के कायिकीक्रिया होती है, क्या उसके आधिकरणिकीक्रिया होती है ? (तथा) जिस जीव के आधिकरणिक्रिया होती है, क्या उसके कायिकीक्रिया होती है ?
[सं.] गौतम ! जिस जीव के कायिकीक्रिया होती है, उसके नियम से आधिकरणिकीक्रिया होती है और जिसके आधिकरणिकीक्रिया होती है, उसके भी नियम से कायिकीक्रिया होती है।
१६०८. जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कजति तस्स पाओसिया किरिया कजति ? जस्स पाओसिया किरिया कजति तस्स काइया किरिया कजति ?
गोयमा ! एवं चेव।
[१६०८ प्र.] भगवन् ! जिस जीव के कायिकी क्रिया होती है क्या उसके प्राद्वेषिकीक्रिया होती है? और जिसके प्राद्वेषिकी क्रिया होती है, क्या उसके कायिकीक्रिया होती है ?
[उ.] गौतम ! इसी प्रकार (पूर्ववत् दोनों परस्पर नियम से समझना चाहिए।)
१६०९. जस्सणं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कजति तस्स पारियावणिया किरिया कजति, जस्स पारियावणिया किरिया कजति तस्स काइया किरिया कजति ?
___ गोयमा ! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कज्जति तस्स पारियावणिया किरिया सिय कज्जति. सिय णो कज्जति, जस्स पुण पारियावणिया किरिया कज्जति तस्स काइया नियमा कज्जति।
। [१६०९ प्र.] भगवन् ! जिस जीव के कायिकीक्रिया होती है, क्या उसके पारितापनिकी क्रिया होती है ? तथा जिसके पारितापनिकी क्रिया होती है, क्या उसके कायिकीक्रिया होती है ?
[उ.] गौतम ! जिस जीव के कायिकीक्रिया होती है, उसके पारितापनिकी क्रिया कदाचित् होती है और कदाचित् नहीं होती है, किन्तु जिसके पारितापनिकीक्रिया होती है, उसके कायिकीक्रिया नियम से होती है।
१६१०. एवं पाणाइवायकिरिया वि।
[१६१०] इसी प्रकार (पारितापनिकी और कायिकीक्रिया के परस्पर सहभाव-कथन के समान) प्राणातिपातक्रिया (और कायिकीक्रिया) का (परस्पर सहभाव-कथन भी करना चाहिए।)
१६११. एवं आदिल्लाओ परोप्परं नियमा तिण्णि कजंति।जस्स आदिल्लाओ तिण्णि कजंति तस्स उवरिल्लाओ दोण्णि सिय कजति सिय णो कज्जति। जस्स उवरिल्लाओ दोण्णि कजति तस्स आइल्लाओ तिण्णि नियमा कजंति।