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[प्रज्ञापनासूत्र
वै. शरीर ७. पंकप्रभा के ना. के वै.
शरीर
८.
धूमप्रभा के ना. के वै.
शरीर
९.
तमःप्रभा के ना. के
शरीर
धनुष
१०. अधःसप्तम के ना. के
वै.-शरीर ११. तिर्यञ्च पं. के वैक्रिय-
शरीर १२. मनुष्य पं. के वैक्रिय-
३१ धनु. १ हाथ
• भाग . ६२ धनु. २ हाथ ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग, उ. ६२ ज.-अंगुल के संख्यातवें धनु. २ हाथ
भाग उ. १२५ धनुष ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग, उ. १२५ ज.-अंगुल के संख्यातवें धनुष
भाग उ. २५० धनुष ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग, उ. २५०. ज.-अंगुल के संख्यातवें
भाग उ. ५०० धनुष ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग, उ. ५०० ज.-अंगुल के संख्यातवें धनुष
भाग उ. १००० धनुष जघन्य-अंगुल के संख्यातवें भागप्रमाण उत्कृष्ट योजनशत.पृथक्त्व
की .. जघन्य-अंगुल के संख्यातवें भागप्रमाण, उ. कुछ अधिक एक
लाख योजन की ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग, उ.७ हाथ की जं. अंगुल
के संख्यातवें भाग उ. १
लाख योजन " " " "
ज.-अंगुल के संख्यातवें
भाग उ.१ लाख योजन " " " "
शरीर
१३. समस्त भवनपति देवों
के वै. शरीर
१४. समस्त वाणव्यन्तरों के
वै. शरीर १५. समस्त ज्योतिष्कों के
वै. शरीर १६. सौधर्म से अच्युतकल्प
तक के देवों के वै. श. सनत्कुमार देवों के वै.
ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग, उ.७ हाथ की ज.-अंगुल के असंख्यातवें भाग,