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अठारहवाँ कायस्थितिपद ]
रहता है ।)
१३६९. केवलिअणाहारए णं भंते ! केवलिअणाहारए त्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! केवलिअणाहारए दुविहे पण्णत्ते । तं जहा- सिद्धकेवलिअणाहारए य १ भवत्थकेवलिअणाहारए य २ ।
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[१३६९ प्र.] भगवन् ! केवली - अनाहारक, केवली - अनाहारक के रूप में निरन्तर कितने काल तक रहता है ?
[१३६९ उ.] गौतम ! केवली - अनाहारक दो प्रकार के हैं, १. सिद्धकेवली - अनाहारक और २. भवस्थकेवली - अनाहारक ।
१३७०. सिद्धकेवलिअणाहारए णं ० पुच्छा ?
गोयमा ! सादीए अपज्जवसिए ।
[१३७० प्र.] भगवन् ! सिद्धकेवली - अनाहारक कितने काल तक सिद्धकेवली - अनाहारक के रूप में रहता है ?
[१३७० उ.] गौतम ! (वह) सादि - अपर्यवसित है ।
१३७१. भवत्थकेवलिअणाहारए णं भंते ! ० पुच्छा ?
गोयमा ! भवत्थकेवलिअणाहारए दुविहे पण्णत्ते । तं जहा - सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए य १ अजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए य २ ।
[१३७१ प्र.] भगवन् ! भवस्थकेवली-अ - अनाहारक कितने काल तक ( निरन्तर) भवस्थकेवली. अनाहारकरूप में रहता है ?
[१३७१ उ.] गौतम ! भवस्थकेवली - अनाहारक दो प्रकार के हैं - १. सयोगि-भवस्थकेवली- अनाहारक और २. अयोगि- भवस्थकेवली - अनाहारक ।
१३७२. सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए णं भंते ! ० पुच्छा ?
गोयमा ! अजहण्णमणुक्कोसेणं तिण्णि समया ।
[१३७२ प्र.] भगवन् ! सयोगि-भवस्थकेवली - अनाहारक कितने काल तक सयोगि- भवस्थकेवलीअनाहारक के रूप में रहता है ?
[१३७२ उ.] गौतम ! अजघन्य- अनुत्कृष्ट तीन समय तक (सयोगिभवस्थकेवली - अनाहारकरूप में
रहता है।)